नगर पंचायत में नहीं चल रहा सबकुछ ठीक-ठाक
सरायकेला नगर पंचायत में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। कार्यपालक अभियंता कार्यो में मनमानी कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला नगर पंचायत में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। कोई दूसरा नहीं पंचायत के महत्वपूर्ण पद पर रहने वाले उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने ही नगर पंचायत की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने नगर विकास विभाग और आवास बोर्ड के सचिव को लंबी-चौड़ी चिट्ठी लिखी है। इसमें बताया है कि कैसे यहां सबकुछ गड़बड़ है।
उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह को मुख्य रूप से कठघरे में खड़ा किया है। बताया है कि इनकी मिलीभगत से नगरपालिका अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। नियम के विरुद्ध नगर पंचायत बोर्ड की बैठकों का संचालन और विकास कार्यों का क्रियान्वयन हो रहा है। कार्यपालक पदाधिकारी महीने में बमुश्किल दस दिन दफ्तर आते हैं। प्रशासनिक कार्यों से लेकर वित्तीय कार्यों में अपनी मनमर्जी चलाते हैं। उनकी गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली और अनुपस्थिति से विकास कार्यों के साथ-साथ छोटे-बड़े कार्यों पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उपाध्यक्ष ने शिकायती पत्र में 11 बिंदुओं पर जिक्र किया है।
ये रही शिकायतें :
नियम के विरुद्ध अपने तरीके से बोर्ड बैठक का संचालन और कार्यक्रम बनाना। विकास कार्यो में वित्तीय अनियमितता करते हुए नियम विरुद्ध निविदा पुस्तिका को जबरन जब्त कर ठेकेदारों के पक्ष में निविदा पास कराना। नगर पंचायत की योजनाओं के गलत तरीके से प्राक्कलन बनाने और अपने निजी लोगों को लाभ दिलवाने के लिए अभियंता एवं कार्यपालक पदाधिकारी की मिलीभगत से निविदा नियमों की अनदेखी करते हुए लगभग पांच करोड़ के गुणवत्ताहीन कार्यों का क्रियान्वयन कराया जा चुका है। सरकारी राशि का दुरुपयोग करते हुए बेमतलब के उपकरणों की खरीद जैसे बड़े डस्टबिन, छोटे डस्टबिन, एयर कंडीशन और जरूरत से ज्यादा मजदूर रखे गए हैं। पिछले साल 19 करोड़ की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना पूरी की गई। इसका उद्देश्य शहरवासियों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने गलत तरीके से बोर्ड बैठक में एक ही योजना पर दोहरी राशि खर्च करते हुए 19 लाख की मिनी वाटर आपूर्ति योजना का क्रियान्वयन कराया। बिना किसी योजना के कुछ ब्रांडेड और कुछ अनब्रांडेड गुणवत्ताहीन कंपैक्टर, ट्रैक्टर, सेप्टिक टैंक, वाटर टैंक, फॉगिग मशीनों का क्रय किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर के सफाई कार्य नगर प्रबंधक राजेंद्र कुमार के जिम्मे है लेकिन इनको सफाई से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल कार्यपालक पदाधिकारी की सांठगांठ से बिना काम कराए विपत्र बनाने और निकासी में व्यस्त रहते हैं। नगर प्रबंधक राजेंद्र कुमार इतने लंबे अंतराल से सरायकेला नगर पंचायत में काम करने के बावजूद नगर पंचायत की सीमा और वार्डों की पहचान नहीं कर पाएंगे। नगर पंचायत के होल्डिग टैक्स व अन्य कर के कलेक्शन का जिम्मा स्पैरो कंपनी को दी गई है, लेकिन यहां स्पैरो कंपनी के कर्मियों द्वारा लोगों को गलत नियत से मकान/जमीन मालिक के साथ दुकानदारों को भी परेशान किया जाता है। होल्डिग नंबर क्रिएट करने से लेकर एसेसमेंट नंबर उपलब्ध कराने में छह माह लग जाते हैं। अपने पदस्थापन काल से ही कार्यपालक पदाधिकारी की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली और नगर पंचायत से बाहर जमशेदपुर में रहने की सच्चाई के साक्ष्य देने की बात उपाध्यक्ष ने बताई है। नगर पंचायत की सेवाओं को गरीबी रेखा के नीचे नीचे गुजर-बसर कर रहे लोगों के लिए 50 फीसद अनुदान का प्रस्ताव बोर्ड द्वारा पारित है लेकिन यह अपनी मनमर्जी या किसी के इशारे या अन्य किसी कारण से भेदभाव करते हुए कुछ चिन्हित लोगों को ही लाभ देते हैं। नगर पंचायत सरायकेला में विभागीय आदेश के विपरीत स्ट्रीट लाइट की जगह एलईडी बल्ब लगाया गया और सरकारी राशि का दुरुपयोग करते हुए एलइडी बल्ब बाजार मूल्य 200 की जगह 600 में लगाया जा रहा है।