मां के हत्यारे पुत्र को आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, सरायकेला : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय धनंजय कुमार की अदालत ने अपनी ही
जागरण संवाददाता, सरायकेला : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय धनंजय कुमार की अदालत ने अपनी ही मां की हत्या कर शव को घर के आंगन में छिपाने के आरोपी बेटा पंकज साहू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि एडीजे थ्री की न्यायालय ने आरोपी को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माना व जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास एवं भादवि की धारा 201 के तहत सात वर्ष व 20 हजार रुपये का जुर्माना व जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। ये सभी सजा एक साथ चलेगी।
आरआईटी थाना के कांड संख्या 283/10 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आरोपी पंकज साहू अपनी मां स्नेहलता के साथ एक ही घर में रहता था। उसकी मां बेटा पंकज को हमेशा घर में रहने के बजाए किसी कंपनी में काम करने की बात कहती थी। इस पर बेटा मां से खफा रहता था। मां द्वारा बेटे को हमेशा काम करने की बात कही जाती थी। इसी बात पर मां बेटा में हमेशा झगड़ा होते रहता था। मां द्वारा बार बार कंपनी में काम करने की बात कहने पर तंग आकर पंकज ने दो अक्टूबर 2010 को घर में रखे कटारी से मारकर मां की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद पंकज ने मां के शव को घर के आंगन में ही गाड़ दिया था। इसे बाद में पुलिस ने बरामद किया। मामले में न्यायालय में मृतका की बेटी ललिता देवी व दामाद रामवृक्ष ¨सह ने भी आरोपी भाई के विरुद्व गवाह दी थी। आरोप सही पाए जाने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।