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रिसीविग सेंटर से प्रवासियों को नहीं मिला घर जाने को वाहन

प्रवासी मजदूरों के साथ जिला प्रशासन का रवैया हमेशा नकारात्मक रहा है। शनिवार को लेबर सेंटर में यह देखने को मिला। तमिलनाडु से जिले के कुचाई प्रखंड के जोजोहातु गांव लौटे 13 प्रवासी मजदूर लेबर रिसीविग सेंटर में पिछले 24 घंटे से भूखे-प्यासे रहने के बाद उन्हें घर तक जाने को वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया। अंत में सभी अपने गांव पैदल ही चल दिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 07:22 PM (IST)
रिसीविग सेंटर से प्रवासियों को नहीं मिला घर जाने को वाहन

जासं, सरायकेला : प्रवासी मजदूरों के साथ जिला प्रशासन का रवैया हमेशा नकारात्मक रहा है। शनिवार को लेबर सेंटर में यह देखने को मिला। तमिलनाडु से जिले के कुचाई प्रखंड के जोजोहातु गांव लौटे 13 प्रवासी मजदूर लेबर रिसीविग सेंटर में पिछले 24 घंटे से भूखे-प्यासे रहने के बाद उन्हें घर तक जाने को वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया। अंत में सभी अपने गांव पैदल ही चल दिए। कुछ दूर जाने के बाद बाद कुछ मजदूरों ने फोन पर पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय को इसकी सूचना दी। मंगल सिंह सोय ने उपायुक्त को सूचना दी। उपायुक्त ने तुरंत वाहन उपलब्ध कराया। मजदूर पैदल चलते हुए सरायकेला नगर क्षेत्र पार कर गए थे। भूखे प्यासे होने के कारण सभी मजदूर पेड़ की छांव में कुछ दूर बैठे, तब तक स्थानीय कुछ लोगों द्वारा उन्हें पानी एवं बिस्कुट उपलब्ध कराया गया।

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चल-अचल संपत्ति बेचकर भेज 90 हजार रुपये

तमिलनाडु में फंसे मजदूरों ने बताया कि लॉक डाउन के बाद उनकी हालत खराब होती गई। बाद अपने-अपने घर संपर्क कर रुपये मांगे, ताकि घर तक पहुंच सकें। उनके स्वजनों ने चल -अचल संपत्ति बेचकर किसी प्रकार से 90 हजार रुपये जुगाड़ किए। उन तक किसी तरह राशि पहुंचाई। इसके बाद सभी 13 मजदूरों ने एक बस के माध्यम से रांची तक पहुंचे, जिसमें बस के लिए उन्हें 86 हजार चुकाने पड़े। रांची पहुंचने के बाद खानपान में बचे हुए रुपए भी खत्म हो गए। जिला प्रशासन उन्हें रांची से रेस्क्यू कर सरायकेला लाया। शुक्रवार की रात लेबर रिसीविग सेंटर में पहुंचने के बाद सभी का मेडिकल टेस्ट भी हुआ। इसके बाद खानपान की व्यवस्था तक नहीं हुई। सभी को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। बोला गया गांव पहुंचकर 14 दिन घर नहीं जाना है। किसी स्कूल में जाकर रहना है। सभी मजदूर भूखे- प्यासे सुबह तक लेबर रिसीविग सेंटर में रुके रहे। रिसीविग सेंटर में तैनात प्रशासनिक पदाधिकारी एवं कर्मियों को वाहन की व्यवस्था कराने की मांग रखी परंतु बातों पर किसी का ध्यान नहीं दिया। मजदूरों ने बताया कि तैनात पदाधिकारी ने कहा कि तुम लोगों को यहां तक लाने को कहा गया है। आगे कैसे जाओगे नहीं मालूम


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