जनजातीय समुदाय को मिले संवैधानिक अधिकार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने जनजातीय समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जनजातीय समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन जागरण संवाददाता, सरायकेला : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के नेतृत्व में बुधवार को जिला अध्यक्ष उदय प्रताप सिंहदेव व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष लाल सिंह सोय समेत भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन देते हुए अनुसूचित जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा एवं उनके देय लाभ को सुनिश्चित किए जाने की मांग की। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के भाषा, संस्कृति एवं परंपरा का अस्तित्व लुप्त होने लगा है। उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम अनुसूचित जनजाति समुदाय का रक्षा कवच है इसका उल्लंघन हो रहा है। अनुसुचित जनजाति के अधिकार एवं अस्तित्व की रक्षा के लिए सीएनटी व एसपीटी को कड़ाई से लागू करने की आवश्यक्ता है। इसके लिए प्रदेश के जनजाति समाज की सुरक्षा, संरक्षण एवं उनके देय अधिकारों के संबंध में सरकार द्वारा नीति निर्धारण एवं कार्यान्वित हो। उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला कमेटी ने उपायुक्त का ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा कि झारखंड प्रदेश जनजातीय बाहुल राज्य है। संविधान की पांचवीं सूची के अंतर्गत राज्य के लगभग 118 प्रखंड अनुसूचित क्षेत्र के रूप में शासित हैं। इन क्षेत्रों में अधिकतर जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं। भारतीय संविधान एवं स्थानीय काश्तकारी अधिनियम जैसे छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम व संथाल पारगना काश्तकारी अधिनियम के प्रभावों के अनुसार प्रदेश की जनजातीय समाज की सुरक्षा, संरक्षा एवं उनके देय अधिकारों के संबंध में नीति निर्धारण कर कार्यान्वित का दायित्व राज्य सरकार व जिले के उपायुक्त का है। ज्ञापन में उपायुक्त से जनजातीय समुदाय के हक व अधिकारों के हनन को रोकने का आग्रह किया गया। ज्ञापन सौंपने वालों में भाजपा जिला महामंत्री गणेश माहली, कुंवर सिंह बानरा, शंकर सामड, बीर सिंह बानरा, सनातन टुडु, हीरामनी उरांव समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।