स्थानीय बेरोजगारों को बहाल करे कंपनी: समिति
रामकृष्ण फोर्जिग कंपनी में स्थानीय लोगों को बहाल करने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : गम्हरिया प्रखंड के दुगनी में निर्माणाधीन रामकृष्ण फोर्जिग के समीप ग्राम प्रधान विरेंद्र सतपथी की अध्यक्षता में महाशिव ग्राम विकास समिति की बैठक हुई। इसमें ग्रामीणों से रामकृष्ण फोर्जिंग की स्थापना का स्वागत किया गया। साथ ही स्थानीय बेरोजगारों का नियोजन, बाहरी लोगों के नियोजन का विरोध एवं स्थानीय ठेकेदारों को निर्माण कार्य में भागीदारी पर चर्चा की गई।
खुदीडीह गांव के ग्राम प्रधान भवानी शंकर शाहदेव ने कहा कि दुगनी में रामकृष्ण फोर्जिंग का नया प्लांट लगाया जा रहा है। दुगनी एवं आसपास के छह पंचायतों के ग्रामीण इसका स्वागत करते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि प्लांट लगाने में हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा दुगनी एवं आसपास के कई पंचायतों में शिक्षित बेरोजगार काम के लिए भटक रहे हैं। मजदूर रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना होगा। शाहदेव ने कहा कि कंपनी के प्रबंध से अनुरोध है कि स्थानीय लोगों का ही नियोजन किया जाए और बाहरी लोगों को आने से रोका जाए। शिक्षित बेरोजगार युवकों को कंपनी अपने स्तर से प्रशिक्षण देकर नियोजन का अवसर दिया जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अनेक संवेदक हैं। प्लांट के निर्माण कार्य में क्षेत्रीय संवेदको को काम दिया जाए। बैठक को जामबोहाल के ग्राम प्रधान मनोज ¨सहदेव, जोरडीहा के ग्राम प्रधान राजेंद्र महतो, समिति अध्यक्ष सुनील कैवर्त, अभय महापात्र, गो¨वद कैवर्त, कृष्णा कैवर्त व मधुसूदन बारिक ने संबोधित किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जल्द ही दुगनी, उपरदुगनी, मुड़िया, मुड़ाटांड़, नारायणपुर व बांधडीह पंचायत के ग्रामीणों की एक जनसभा आयोजित की जाएगी। इसमें स्थानीय लोगों का नियोजन एवं रोजगार को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद रामकृष्ण फोर्जिंग के प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में प्रबंधन का ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा गया कि कंपनी की भूमि पूजन समारोह में कंपनी एवं मुख्यमंत्री ने यहां के सारे बेरोजगार युवक व मजदूरों को सबसे पहले नौकरी देने की बात कही थी। परंतु कुछ बिचौलिया अपना स्वार्थ साधने की व्यवस्था में जुटे हैं। इसे लेकर छह पंचायतों के ग्रामीणों में आक्रोश है। अगर 15 दिनों के अंदर समिति की मांगों पर साकारात्मक विचार नहीं किया गया तो पंचायतों के ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे। बैठक में काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।