हत्याकांड की जांच को दें अंजाम नहीं तो भुगतना होगा खामियाजा : राजेश ठाकुर
कन्हैया सिंह हत्याकांड में को लेकर जांच टीम यदि समय पर सही रिजल्ट नही देंगे उनको खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा
हत्याकांड की जांच को दें अंजाम नहीं तो भुगतना होगा खामियाजा : राजेश ठाकुर
संसू, आदित्यपुर : कन्हैया सिंह हत्याकांड में जांच टीम समय पर सही रिजल्ट नही देंगी तो वे खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें। रविवार को ये बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कही। वे ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह के आवास पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शोक संतप्त परिवार के लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। साथ ही पुलिस की ओर से अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश को चेतावनी देते हुए कहा कि यह बड़ी घटना है। सफल तरीके से इस हत्याकांड की जांच को अंजाम दें, अन्यथा जांच टीम में शामिल सभी पदाधिकारियों को इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जिला पुलिस पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो चुका है। इस दौरान उन्होंने आइजी से भी बात की। कहा, इस मामले में बड़ी कार्रवाई होगी। क्षेत्र में कानून का राज स्थापित होगा। जिला पुलिस को आरोपितों तक पहुंचने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया गया था। लोगों में आक्रोश है। उनके आक्रोश को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस दौर में पुलिस इस हत्याकांड में फिसड्डी साबित हुई है। पुलिस कप्तान की अब तक की जांच की समीक्षा की जाएगी। पूर्व विधायक के परिवार के साथ कांग्रेस की संवेदना है। कन्हैया सिंह के हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा। विधायक अनूप सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन सही तरीके से जांच कर जल्द से जल्द इस हत्याकांड का उद्भेदन करे। मौके पर पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह, जगदीश नारायण चौबे, सुरेशधारी, आनंद बिहारी दुबे, अंबुज कुमार, छोटराय किस्कू, समरेंद्र तिवारी समेत कई उपस्थित थे।
कन्हैया सिंह के हत्यारों की सूचना देने वालों को मिलेगा एक लाख : सरायकेला जिला में पुलिस प्रशासन का व्यवस्था पुरी तरह से धवस्त हो चुका हे। जिसका परिणाम है जिला में लगातार हो रही हत्या। उक्त बाते ईचागढ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के द्वारा कहा गया। उनके द्वारा कहा गया कि कन्हैया सिंह हत्याकांड में कही न कही किसी सफेदपोश का हाथ भी है। पुलिस को इसका सही तरीके से जांच करना चाहिए। उनके द्वारा कहा गया कि जो भी दिवंगत कन्हैया सिंह के हत्यारों की उनको सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा एवं उनको 1 लाख रूपये का इनाम दिया जाएगा। पूर्व विधायक मलखान सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उनको आशंका है कि इस मामले में कुछ सफेद पोश लोगो के हाथ होने की सम्भावना ही पुलिस मामले की सही तरीके से जांच करे। अभीतक जो भी मामला आ रहा है जमीन या व्यवसाय प्रतिद्धिता यह मामला बिलकुल नही हे। उनको कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस जांच मामले में पुरी तरह से फेल हो गया हे। अब पूर्व विधायक को आम जनता पर भरोसा बचा हुआ हे। उनके द्वारा कहा गया सूचना देने का प्रयास करे नाम गुप्त रहेगा। बताया जाता है कि पूर्व विधायक के साला कन्हैया सिंह की हत्या अज्ञात अपराधियों के द्वारा उनके घर पर कर दिया गया था। जिसके बाद आदित्यपुर की राजनीतिक काफी गर्म हो गया है।
झारखंड क्षत्रिय संघ ने आदित्यपुर थाने में किया विरोध-प्रदर्शन : पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह के साले कन्हैया सिंह के हत्यारे को 72 घंटे में पुलिस द्वारा नहीं पकड़ने पर रविवार को झारखंड क्षत्रिय संघ ने आक्रोश जुलूस निकाला। इस दौरान संघ के लोगों ने आदित्यपुर थाना परिसर में आक्रोश प्रदर्शन किया। साथ ही सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश व थाना प्रभारी राजन कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान पुलिस पदाधिकारियों व प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। संघ के अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह व भाजपा नेता अभय सिंह ने थाना प्रभारी से कहा कि सोमवार की शाम के बाद अगली बार आपका तबादला कराने आएंगे। क्षत्रिय संघ ने कहा कि जिले में पुलिस नाम की कोई चीज दिखाई ही नहीं पड़ रही है। अपराधियों का मनोबल बढ़ चुका है।
मेरे ऊपर कई दबाव हैं। मैं सो नहीं पा रहा हूं। दिन-रात इसी में लगा हूं। मैं 95 प्रतिशत आरोपितों तक पहुंच चुका हूं। कुछ दिनों का समय और चाहिए। तीन हथियार भी जब्त किए गए हैं। परंतु दुर्भाग्य है कि अब तक आरोपित हाथ नहीं आए। फी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।
- राजन कुमार, थाना प्रभारी, आदित्यपुर।
कन्हैया की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरे पूर्व मुख्यमंत्री : रविवार को कन्हैया सिंह हत्याकांड के विरोध में आदित्यपुर स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के गेस्ट हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की अध्यक्षता में लगभग दो घंटे तक कांग्रेसियों ने बैठक की। इसके बाद शेरे पंजाब चौक से पदयात्रा करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद, पुलिस पदाधिकारी दलाली बंद करो जैसे नारे भी लगाए। साथ ही पुलिस-प्रशासन को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए 48 घंटे का समय दिया गया। साथ ही बुधवार को कोल्हान बंद का आह्वान किया। इसके बाद राज्यभर में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिले में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और इसके लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि जिले में विधि व्यवस्था समाप्त हो चुकी है। अपराधियों पर पुलिस का किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है। मौके पर जिलाध्यक्ष छोटेराय किस्कू, नगर अध्यक्ष संतोष सिंह, कोल्हान प्रवक्ता सुरेशधारी, प्रदेश के नेता समरेंद्र नाथ तिवारी, जगदीश नारायण चौबे, प्रमोद सिंह, आदि उपस्थित थे।
एसआइटी ने की जमशेदपुर से ओड़िशा तक छापेमारी, परिणाम शून्य : कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस की एसआइटी टीम ने एसडीपीओ हरविंदर सिंह के नेतृत्व में ओडिशा समेत सुंदरगढ़, जमशेदपुर व सरायकेला के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की। फिर भी परिणाम शून्य रहा। अब तक आदित्यपुर व जमशेदपुर के दो दर्जन से अधिक अपराधियों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है।
कतला के चक्कर में मिला रेहु : पुलिस सूत्रों के अनुसार कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। जांच के दौरान पुलिस ने कुछ पुराने मामलों में अपराधी व उसके पास से तीन पिस्तौल बरामद किया है। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिसकर्मियों के अनुसार, वे कतला खोजने गए थे, लेकिन रेहु मिला।
कृष्णा गोप के गुर्गे अब तक फरार : इस हत्याकांड में पुलिस कृष्णा गोप व मनोज सरकार गिरोह को भी लक्ष्य मानकर छापेमारी कर रही है। हालांकि अब तक इन दोनों गिरोह के कोई भी अपराधी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं। कृष्णा गोप गिरोह के सुभाष प्रामाणिक, रोहित मिश्र, आशीष गोराई, संजीव लौहार आदि पर पुलिस को शक है। सभी फरार हैं। पूर्व के कई मामलों में आरोपित संतोष थापा भी अब तक फरार है।
हत्या का कारण पुलिस की समझ से परे : कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस को अब क हत्या के कारणों की जानकारी भी नहीं मिली है। कहीं इस हत्याकांड के पीछे सालडीह बस्ती की जमीन का विवाद या व्यावसायिक प्रतिद्धंदिता तो नहीं है। पूर्व विधायक अरविंद सिंह भी बार-बार यही कह रहे हैं कि उन्हें कमजोर करने की साजिश की जा रही है।