हो समाज महासभा गुरु लाको बोदरा को दी श्रद्धांजलि
सरायकेला स्थित बड़बिल चौक के समीप आदिवासी हो समाज महासभा ने ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 101 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी लोगों ने अपनी भाषा लिपि व संस्कृति के लिए कार्य करने की बात कही। वारंग क्षिति लिपि का प्रचार व उपयोग गांव-गांव में करने पर बल दिया गया..
संवाद सूत्र, खरसावां : सरायकेला स्थित बड़बिल चौक के समीप आदिवासी हो समाज महासभा ने ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 101 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी लोगों ने अपनी भाषा, लिपि व संस्कृति के लिए कार्य करने की बात कही। वारंग क्षिति लिपि का प्रचार व उपयोग गांव-गांव में करने पर बल दिया गया। केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा ने कहा कि आने दिनों में वारंग क्षिति लिपि में बच्चों के पठन-पाठन पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए जनजातीय समुदाय के बच्चों के बीच प्रोजेक्ट बना कर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरु लाको बोदरा हमेशा समाज के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। नरेश देवगम ने कोरोना से बचाव पर जोर दिया। शिव शंकर कांडेयांग ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिलाएं शिक्षित होंगी तो समाज व देश आगे बढ़ेगा। बताया कि वारंग क्षिति लिपि का प्रयोग झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़ व असम राज्यों में बोली जाने वाली हो भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। मौके पर नरेश देवगम, सीटीएस के शिव शंकर कांडेयांग, जिलाध्यक्ष सावित्री कुदादा, मनोज सोय, सुरेश सोय, सरस्वती सोय, बासंती गागराई आदि उपस्थित थे।