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चार माह से एनएच-220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप

विगत चार माह से हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप है। एनएच पर राजनगर थाना क्षेत्र के मुरुमडीह का वर्षों पुराना पुल जर्जर स्थिति में है। एहतियातन प्रशासन ने सात फरवरी से परिचालन बंद करने का निर्णय लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 10:52 PM (IST)
चार माह से एनएच-220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप
चार माह से एनएच-220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप

संसू, राजनगर : विगत चार माह से हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप है। एनएच पर राजनगर थाना क्षेत्र के मुरुमडीह का वर्षों पुराना पुल जर्जर स्थिति में है। एहतियातन प्रशासन ने सात फरवरी से परिचालन बंद करने का निर्णय लिया गया है। इधर, परिचालन बंद होने से वाहन मालिकों, क्रशर संचालकों एवं ढाबा संचालकों सहित प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के समक्ष रोजी रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। कई बार समाचार भी प्रकाशित हुए। जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो संज्ञान में लिया। परंतु शायद जिला प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जागरण में प्रकाशित खबर को राजेश साहू नाम के शख्स ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने डीसी को रीट्वीट करते हुए समस्या का जल्द समाधान करने का आदेश दिया था। परंतु प्रशासन इस काम में सुस्त रहा। बाद में पुल के लिए टेंडर भी हुआ था, जो चाईबासा के किसी ठेकेदार को काम मिला था। परंतु कोरोना संकट के कारण वह रद हो गया। कोरोनो काल में माइनिग, क्रशर को काम की अनुमति तो मिल गई। परंतु माल की ढुलाई कैसे होगी। एनएच को ही भारी वाहनों के लिए बंद रखा गया है। आज तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही। न डायवर्सन बना और न ही नया पुल निर्माण के लिए कोई कार्रवाई आगे बड़ी है। मालवाहक भारी वाहनों के परिचालन बंद होने से व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। बड़े व्यापारी एवं कंट्रेक्टरों की माल ढुलाई बंद हो गई है। मालवाहक वाहन इस पार से उस पार गुजर नहीं पा रहे। चाईबासा वाया सरायकेला कांड्रा मार्ग को छोड़कर अधिकांश भारी वाहन इसी मार्ग से लौह अयस्क व अन्य माल की ढुलाई करते हैं। इस मार्ग पर हजारों बड़े वाहनों का आवागमन होता है। लेकिन पुल जर्जर अवस्था में होने के कारण परिचालन बंद है। इससे वृहत पैमाने पर वाणिज्यिक नुकसान हो रहा है। राजनगर प्रखंड क्षेत्र में कई बड़े क्रशर स्थापित हैं। जहां कंस्ट्रक्शन के लिए गिट्टी की ढुलाई होती है। हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग के अलावा और कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। धंधा बुरी तरह प्रभावित है। सरायकेला चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं बिल्डर एसोसिएशन ने भी उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा कर मामले से अवगत कराया जा चुका है। क्रशर संचालक एवं वाहन मालिक मंत्री संत्री का चक्कर काट कर थक गए हैं। सांसद गीता कोड़ा को भी ज्ञापन सौंपा गया। आश्वासन ही मिला। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण वैसे भी उद्योग धंधों की बुरी स्थिति है। एनएच बंद रहने से माल की सप्लाई कैसे होगी। कैसे लोगों रोजी रोजगार चलेगा। प्रशासन को अविलंब इस पर कार्रवाई करनी होगी। अन्यथा सब बर्बाद हो जाएंगे।

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