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नए कृषि कानून से किसान हो जाएंगे गुलाम : मधु कोड़ा

नए कृषि कानून से देश के किसान पूंजीपतियों की कठपुतली बन जाएंगे। इस कानून से किसान न सिर्फ आíथक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी पूंजीपतियों के गुलाम बन जाएंगे। यह कानून देश की कृषि अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देगी। गुरुवार को ये बातें पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कही..

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:08 AM (IST)
नए कृषि कानून से किसान हो जाएंगे गुलाम  : मधु कोड़ा
नए कृषि कानून से किसान हो जाएंगे गुलाम : मधु कोड़ा

संसू, राजनगर : नए कृषि कानून से देश के किसान पूंजीपतियों की कठपुतली बन जाएंगे। इस कानून से किसान न सिर्फ आíथक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी पूंजीपतियों के गुलाम बन जाएंगे। यह कानून देश की कृषि अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देगी। गुरुवार को ये बातें पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत काट्रेक्ट फार्मिग बहुत ही घातक है। अमेरिका जैसे देश जो काटेक्ट फार्मिग के जनक कहे जाते हैं, वहां भी यह कांसेप्ट फेल हो गया है। वहां के किसान तंगहाली और बदहाली की जिंदगी जीने को विवश हुए। ऐसे कानून को भारत में लागू नहीं करना चाहिए। कृषि को निजी हाथों में देना उचित नहीं है।

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हेमेंत सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है : कोड़ा

पूर्व सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से आउटसोìसग कर्मियों की की जा रही छंटनी पर कहा कि यह विभाग किसी साजिश के तहत हेमंत सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। सरकार को तत्काल इस पर ध्यान देते हुए छंटनी किए गए सभी कíमयों को काम पर वापस लगाना चाहिए। कहा, तीन साल से आउटसोर्सिग कर्मी काम करते आ रहे हैं। अब कोरोना के कारण और अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है। फिर इन स्वास्थ्य कर्मियों को क्यों हटाया जा रहा है। राज्य सरकार को इसकी जाच करानी चाहिए।


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