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ईचागढ़ में हाथियों का उत्पात, धान की फसल रौंदी

सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ के सालुकडीह, ऊपर कुटाम आदि गांवों के लोग हाथियों के झुंड से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 12:31 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 12:31 PM (IST)
ईचागढ़ में हाथियों का उत्पात, धान की फसल रौंदी
ईचागढ़ में हाथियों का उत्पात, धान की फसल रौंदी

संवाद सूत्र, ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के सालुकडीह, ऊपर कुटाम, जामडीह, रघुनाथपुर, चोगाटांढ़ रहड़डीह आदि गावों में तीन दिनों से 13 हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहा है। गुरुवार रात हाथियों ने सालुकडीह में शभूनाथ महतो, वनमाली महतो, सुवल महतो, चोगाटांढ़ के लहरु महतो, श्रीपति महतो, ऊपर कुटाम के घासीराम सिंह मुंडा, पाल्टन सिंह मुंडा, दुर्गा सिंह मुंडा सहित दर्जनों किसानों के खेत में लगी धान की फसल रौंद दिया। हाथियों के इस झुंड ने पिलीद एवं कुटाम जंगल में पनाह ले रखी है।

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वन विभाग हाथियों को भगाने का नहीं कर रहा प्रयास

करीब 15 दिनों से हाथियों का झुंड क्षेत्र में है। जो ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने हाथियों को भगाने का प्रयास नहीं किया। जबकि इस झुंड से भगाया गया एक हाथी अबतक दर्जनों घरों को तोड़ चुका है। 2012 से हाथी प्रभावित गांवों में विभाग द्वारा हाथी भगाने के लिए सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। पिलीद टीम के अध्यक्ष तापस महतो ने बताया कि एक वर्ष से टीमों का भुगतान नहीं किया गया। जिससे सभी समितियां भंग हो गई हैं। इससे हाथियों के झुंड बेलगाम हो गए हैं।

शाम होते ही खेतों की ओर रुख करते हैं हाथी

लगभग 15 दिनों से क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों के इस झुंड से ग्रामीणों में दहशत है। लोग शाम ढलने के बाद घरों से नहीं निकल रहे हैं। क्योंकि शाम होते ही हाथी खेतों की ओर रुख कर रहे हैं। जिनके चिंघाड़ से ग्रामीण दहशत में आ जाते हैं।

इस संवंध मे वनक्षेत्र पदाधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि बाहर की समिति को बुलाकर हाथियों को पहाड़ की ओर खदेड़ा जाएगा। इसके अलावा जिनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।


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