नशे में डूबे अधेड़ की खेत में लगी आग से जिंदा जलकर मौत, झामुमो नेता ने की परिवार को मुआवजा देने की मांग
सुदर्शन नशे का इतना आदि था कि उसे भनक तक नहीं लगी कि आग धीरे-धीरे उस पर पहुंच रही है। चूंकि इलाका सूनसान था इसलिए कोई उसे बचाने वाला भी नहीं था। मिनटों में आग ने उसे अपनी चपेट में ले लिया और उसकी मौके पर दर्दनाक मौत हो गई।
संवाद सूत्र, राजनगर। झारखंड में सरायकेला जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में खेतों में लगी आग की चपेट में आकर थाना क्षेत्र के नौका निवासी सुदर्शन हो (55) की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। घटना गुरुवार की है। जानकारी के अनुसार नौका गांव के सुदर्शन हो गुरुवार को नौका गांव से सटे गम्हरिया सीमा क्षेत्र की ओर गया था। सुदर्शन हो नशा करता था, वह नशापान कर खेत में गिर गया और वहां से उठ नहीं पाया। उसी दौरान दूर खेत में लगी आग फैलते हुए उसके नजदीक आ पहुंची और उसी की चपेट में आकर सुदर्शन हो की तड़पते हुए जिंदा जलकर मौके पर मौत हो गई।
नशे में नहीं थी आग लगने की कोई सुध
बताया जा रहा है कि जहां पर सुदर्शन की जलकर मौत हुई, वहां आसपास कोई मकान नहीं है और लोग भी कम आना-जाना करते हैं। उस पर किसी की नजर नहीं पड़ी, जिस वजह से उसे जलते हुए कोई बचा नहीं पाया। कुछ घंटों बाद ग्रामीणों को खेत में किसी व्यक्ति का जला हुआ शव दिखाई दिया, तो ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया के माध्यम से स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को शव सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
परिवार को मुआवजा देने की उठी मांग
वहीं झामुमो के वरिष्ठ नेता हीरालाल सतपथी ने सरकार से सुदर्शन के परिवार को आपदा विभाग से उचित मुआवजा देने की मांग की है और खेतों जहां-तहां बिना किसी सरकारी कर्मचारी की उपस्थिति में लगाई जा रही आगलगी पर रोक लगाने की मांग की।
हीरालाल ने बताया कि वह खुद नौका गांव से हैं, सुदर्शन के परिवार को नजदीक से देखे हैं। घर में सुर्दशन की सिर्फ पत्नी है। उसकी पुत्र वधु दो छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर चली गई है। पुत्र भी कर्नाटक मजदूरी करने गया है। बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी पत्नी पर आ गई है।