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आदित्यपुर के डिप्टी मेयर व 29 पार्षद आज सीएम को सौंपेंगे इस्तीफा

संवाद सूत्र आदित्यपुर पहले जनता बोलती थी-नगर निगम में भ्रष्टाचारियों का गढ़ है। जन्म व मृत्यु प्रमाण

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 06:34 AM (IST)
आदित्यपुर के डिप्टी मेयर व 29 पार्षद आज सीएम को सौंपेंगे इस्तीफा
आदित्यपुर के डिप्टी मेयर व 29 पार्षद आज सीएम को सौंपेंगे इस्तीफा

संवाद सूत्र, आदित्यपुर : पहले जनता बोलती थी-नगर निगम में भ्रष्टाचारियों का गढ़ है। जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन बिना चढ़ावे के नहीं होता। अब 29 पार्षदों के साथ डिप्टी मेयर अमित सिंह मीडिया कांफ्रेंस कर कह रहे हैं- ईओ (कार्यपालक पदाधिकारी) भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्हें हटाने तक अभियान जारी रहेगा। रविवार को 29 पार्षद के साथ डिप्टी मेयर मुख्यमंत्री को सामूहिक इस्तीफा देंगे।

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वहीं मेयर बिनोद श्रीवास्तव उनके करीबी छह पार्षद पूरे अभियान से अलग है। मेयर मौन हैं, मूकदर्शक बने देख रहे हैं या यूं कहिए स्थिति की नजाकत भांप रहे हैं। डिप्टी मेयर ने शनिवार को एक होटल में 29 पार्षदों के साथ मीडिया कांफ्रेंस कर बताया कि पार्षदों ने इस्तीफा पत्र उन्हें सौंप दिया है। इससे पहले उपस्थित पार्षदों ने डिप्टी मेयर के साथ बैठक कर मौजूदा हालात पर चर्चा की और रणनीति को अंतिम रूप दिया।

मेयर के साथ पार्षद : अमृता चौधरी, अमृता श्रीवास्तव, पाडी मुखी, बिक्रम किस्कु, महेन्द्र सरदार व एक अन्य।

डिप्टी मेयर व पार्षदों के आरोप :

1. ईओ पार्षदों से योजनाओं पर रायशुमारी नहीं करते।

- खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर वार्ड के लिए 10 हजार का फंड दिया, इसकी जानकारी ईओ ने किसी को नहीं दी। विभाग के एक पत्र से भेद खुला।

- नक्शा विचलन, कर वसूली, जाली वंशावली का प्रयोग कर भवन निर्माण को नियमित करने की अनुमति दी।

- चहेते संवेदकों को कार्य आवंटन किया।

- वाटर हार्वेस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण मामले में कुछ नहीं किया, कागजी घोड़े ही दौड़ते रहे।

- टेंडर के एकरारनामा में जानबूझकर देरी किए जाने से योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होती है।

- भीषण गर्मी में डीप बोरिग पर सरकार की रोक के बावजूद बिल्डरों की जरूरत के मुताबिक डीप बोरिंग की अनुमति दी।

- पार्षदों के मान सम्मान पर ठेस पहुंचाया।

ईओ ने कहा

- पार्षद टेंडर आवंटन के लिए दबाव बनाते हैं।

- पार्षदों द्वारा ही बोर्ड मीटिंग में योजनाओं को पास किया जाता है, फिर किसी की राय जरूरी नहीं है।

- नक्शा ऑनलाइन प्रकिया के तहत अंचलाधिकारी, जियाडा, आवास बोर्ड की जाच रिपोर्ट के आधार पर पास किया जाता है। ऐसे में मेरी भूमिका सीमित है।

- आकस्मिक खाद्य योजना के तहत सरकार ने पैसा ऑनलाइन निगम के खाते में भेजा है। इस राशि के उपयोग के बारे में जिला प्रशासन ने पत्र नहीं भेजा है। इसकी जानकारी मेयर को दी जा चुकी है।

कोट

निगम में हर चीज पारदर्शी तरीके से होती है। प्रक्रिया का अनुपालन होता है। अगर मेरे कार्यकाल में सबकुछ गलत है तो 14 महीने से आरोप लगाने वाले कहां थे।

- दीपक सहाय, कार्यपालक पदाधिकारी

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डिप्टी मेयर राजनीति कर रहे हैं। झारखंड नगरपालिका अधिनियम की धारा 20 के तहत डिप्टी मेयर व पार्षद मेयर को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। मेयर मन्तव्य के साथ उपायुक्त को इस्तीफा भेजेंगे। उपायुक्त ही उसपर निर्णय लेंगे।

- पुरेंद्र नारायण सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष, आदित्यपुर नगर पर्षद


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