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2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की माग

आदिवासी सेंगेल अभियान से जुड़े जदयू नेताओं ने 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की माग को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति के नाम खरसावा बीडीओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि देश के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद 342 के तहत जाति (आदिवासी या एसटी) का दर्जा प्राप्त है..

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:06 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:06 AM (IST)
2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की माग
2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की माग

संसू, खरसावा : आदिवासी सेंगेल अभियान से जुड़े जदयू नेताओं ने 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की माग को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति के नाम खरसावा बीडीओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि देश के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद 342 के तहत जाति (आदिवासी या एसटी) का दर्जा प्राप्त है। परंतु अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की मान्यता अब तक लंबित है, जो आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान व हिस्सेदारी के लिए अनिवार्य है। आदिवासियों के सरना धर्म कोड का मुद्दा उनके मौलिक अधिकार के साथ-साथ मानवीय अधिकार का भी मामला है। ज्ञापन के तहत नवंबर 2020 तक इस मुद्दे पर सकारात्मक फैसला करने की माग की गई है। अन्यथा आदिवासी सेंगल अभियान छह दिसंबर को अन्य संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी रेल मार्ग व सड़क जाम करने के लिए बाध्य हो सकती है। मौके पर जिप सदस्य सह जदयू के पूर्व विस प्रत्याशी कुंवर सिंह बानरा, जदयू के प्रदेश सचिव लखन सिंह बादिया, जदयू के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री विनोद विहारी कुजूर, प्रखंड अध्यक्ष सह आदिवासी सेंगल अभियान के मुख्य संयोजक शालीग्राम उराव, जिला उपाध्यक्ष खालिद खान आदि उपस्थित थे।

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