Chhath 2019: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन Saraikela News
Chhath 2019. सरायकेला-खरसावां जिले में रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन लंबे इस त्योहार का समापन हो गया।
सरायकेला,जासं। सरायकेला-खरसावां जिले में रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन लंबे इस त्योहार का समापन हो गया। आम से लेकर खास तक सभी ने छठ पर्व पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया। छठ पर्व के चौथे एवं अंतिम दिन तड़के ही उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिजन अपने घरों से पूजा सामग्रियों के साथ घाटों पर पहुंच गए थे।
कमर तक पानी में डूबे हुए और पूजा सामग्रियों से भरे सूप हाथों में लिए व्रतियों ने भगवान भास्कर को पूरी श्रद्धा के साथ दूसरा अर्घ्य दिया। कई श्रद्धालु ऐसे भी थे जो कल डूबते सूरज को अर्घ्य देने के बाद से ही घाटों पर जमा थे। सुबह घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और सुख समृद्धि की कामना की। अलग-अलग घाटों पर आज सुबह से ही उगते सूर्य को अर्घ्य देने के श्रद्दालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। जो लोग नदी और नहरों से दूर हैं, उन लोगों ने आसपास कुंड बनाकर भी उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह बनाए गए घाटों पर अर्घ्य दिए गए। अर्घ्य के बाद छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद बांटा गया। छठ पर्व के अंतिम दिन भक्त छठी मइया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचे। शुक्रवार से ही छठ करने वाली महिलाएं व्रत पर थी। आज उगते सूर्य को अर्घ्य डालने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलीं। शुक्रवार को खरना के साथ शनिवार को छटव्रती व श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अर्ध्य और रविवार को उदीयमानन भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर सुख-शांति व समृद्धि की कामना की।
इन घाटों पर अर्घ्य
सरायकेला में प्रतिवर्ष काफी हर्षोल्लास के साथ आस्था का महा पर्व छठ मनाया जाता है और काफी संख्या में व्रती के साथ श्रद्धालु खरकाई नदी में जाकर सूर्य भगवान को अर्ध्य देते है। सरायकेला में खरकाई नदी पर जगन्नाथ घाट, कुदरसाही घाट व श्मशान काली घाट समेत तीन छठ घाट है, जहां सुविधा के अनुसार छट पूजा व्रती भगवान भास्कर का नमन करते हुए अर्ध्य देती हैं। इसमें से सबसे अधिक जगन्नाथ छठ घाट में व्रती एंव श्रद्वालुओं की भीड़ होती है जहां सरायकेला के गणमान्य व्यक्तियों के परिवार जाकर भगवान भास्कार को अर्ध्य देते है। सरायकेला के छट व्रती एंव श्रद्वालुओं ने शनिवार को खरकई नदी के तीनों घाटों में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर का नमन कर अर्ध्य दिया और रविवार को उदयमान भस्कर भगवान को अर्ध्य देकर नमन किया और सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। छट पूजा को लेकर जगन्नाथ घाट में प्रकाश एवं सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई थी। इस दौरान अर्घ्य देने हेतु लोगों में होड़ लगी रही। उधर जिले के सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले। साथ ही छठ व्रतियों की सुविधा को लेकर भी कई विशेष इंतजाम किए गए थे। वही सुरक्षा की कड़ी व्वस्था किया गया था।
सीनी में भी मना छठ
सीनी में भी प्रतिवर्ष की भांति भक्ति व श्रद्धा के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व मनाया गया। काफी संख्या में व्रती व श्रद्धालुओं ने पंपु तालाब, राजा तालाब व मोहितपुर नाला के छट घाट में जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। सीनी में रेलवे के पंपु तालाब, राजा तलाब व मोहितपुर में छठ घाट है। इसमें से सबसे अधिक पंपु तालाब में व्रती एवं श्रद्वालुओं की भीड़ होती है जहां सीनी के गणमान्य व्यक्तियों के परिवार जाकर भगवान भास्कार को अध्र्य देते है। शनिवार को सीनी के व्रती एंव श्रद्वालुओं ने पंपु तालाब, राजा तालाब व मोहितपुर छट घाट में जाकर अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। रविवार को उदयमान भगवान भास्कर को नमन कर अर्ध्य दिया और सुख-शांति की कामना की।
संजय नदी घाट पर उमड़े व्रती
गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत नरायणपुर पंचायत स्थिति विजय तरण आश्रम में संजय नदी के घाट पर विभिन्न जगहों से आकर श्रद्धालुओं ने छठ पूजा करते हुए भगवान को नमन कर अर्घ्य दिया। खरकई नदी के छट घाट हो रही भीड़ को लेकर विगत वर्षों से आदित्यपुर, गम्हरिया व कांड्रा के छट व्रती एवं श्रद्धालु सुरक्षा के मद्देनजर राम बाबा आश्रम के घाट पर छट पूजा करने लगे है। सुरक्षा की दृष्टि से विजय तारण आश्रम का घाट काफी उपयुक्त है। जहां कई तरह की सुविधा उपलब्ध है और हर तरह से सुरक्षित माना जाता है। आश्रम घाट पर शुक्रवार की शाम एवं रविवार की सुबह श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही जिन्होंने अस्तालगामी एवं उदयमान भास्कर का नमन कर अर्ध्य दिया।