स्वदेश दर्शन योजना से जुड़ेंगे चाडिल डैम व दलमा अभ्यारण्य
मनोज स्वर्णकार, चाडिल : सरायकेला-खरसावां जिले का चांडिल डैम और पूर्वी सिंहभूम व पश्चिम बंगाल तक
मनोज स्वर्णकार, चाडिल : सरायकेला-खरसावां जिले का चांडिल डैम और पूर्वी सिंहभूम व पश्चिम बंगाल तक फैला दलमा अभ्यारण्य भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना से जुड़ेंगे। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। चाडिल डैम से लेकर दलमा तक के क्षेत्र को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी कड़ी में योजना की जमीनी हकीकत देखने मंगलवार को मुख्यमंत्री यहां आएं थे।
आइडेक ने तैयार की डीपीआर : इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए काम शुरू हो गया है। परामर्शी कंपनी आइडेक ने डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार किया है। इसके तहत आसनबनी स्थित दलमा की सबसे ऊंची पहाड़ी हिलटॉप से रोपवे का निर्माण किया जाएगा। जिसपर से पर्यटक दलमा की खुबसूरती देख पाएंगे। वहीं डैम को वाटर स्पोर्ट्स सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।
डीपीआर में सुविधा बढ़ाने पर जोर :
डीपीआर में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसमें चांडिल में विश्वस्तरीय होटल निर्माण से लेकर अन्य सुविधाएं की संरचना तैयार करने की बात कही गई है। दलमा और चाडिल डैम देखने के लिए आने वाले लोगों को तमाम सुविधाएं मिलेंगी, जो देश-विदेश के अन्य पर्यटन स्थल पर पर्यटकों को मिलती हैं।
हर साल आते हैं साईबेरियाई पक्षी : हर साल सर्दियों के मौसम में साईबेरिया से हजारों पक्षी यहा आते हैं और सर्दिया खत्म होने के बाद वापस लौट जाते हैं। पूरे सर्दियों के मौसम में सीगल पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी यहा आते हैं। इस बार भी सैकड़ों सीगल पक्षियों ने यहा डेरा डाल रखा है। इन पक्षियों की वजह से पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे ही सही फल-फूल रहा है।
ओडिशा व बंगाल से आते हैं पर्यटक : अभी चांडिल डैम और दलमा की खुबसूरती को देखने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल से सैलानी आते हैं। हालांकि यहां बोर्डिग-लाउजिंग की अच्छी व्यवस्था नहीं होने के कारण जमशेदपुर में ही रूकते हैं। दलमा वन्य जीव अभ्यारण्य और डैम सैलानियों के लिए बेहतरीन पिकनिक स्पॉट हैं। यह छुट्टी बिताने के लिए अच्छी जगह हो सकती है।