मरे बकरे की मीट खाने से हुआ डायरिया
संवाद सूत्र, राजनगर : सिविल सर्जन डॉ. प्रियरंजन के निर्देश पर गुरुवार को बालीडीह गांव में ड
संवाद सूत्र, राजनगर : सिविल सर्जन डॉ. प्रियरंजन के निर्देश पर गुरुवार को बालीडीह गांव में डायरिया पीड़ितों के लिए मेडिकल शिविर लगाया गया। शिविर में मरीजों का इलाज चल रहा है। गुरुवार को भी कुछ डायरिया पीड़ितों को एंबुलेंस से राजनगर सीएचसी लाया गया। इनका सीएचसी में इलाज चल रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. प्रियरंजन स्वयं बालीडीह गांव जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने गांव के चापानल एवं जलजमाव वाले स्थानों पर ब्ली¨चग पाउडर का छिड़काव कराया। उन्होंने डायरिया फैलने की वजहों की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने मरे हुए बकरे के मांस का सेवन किया था और खेतों में छोटे-छोटे मछलियों को मारकर खाया था। सिविल सर्जन ने ग्रामीणों को खानपान में सावधानी बरतने को कहा। कहा कि बरसात में छोटी मछलियों का सेवन करना डायरिया को दावत देना है। इसलिए खानपान एवं साफ सफाई पर खास ध्यान दें।
उन्होंने पंचायत की मुखिया जयश्री तियु एवं सभी जनप्रतिनिधियों से पीड़ितों को सहयोग करने की अपील की। सिविल सर्जन ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। खतरे की कोई बात नहीं। गांव में पीड़ितों के पूर्ण स्वास्थ्य होने तक मेडिकल कैंप लगा रहेगा। इसमें रोस्टर वार ड्यूटी पर एक डॉक्टर, नर्स एवं एमपीडब्ल्यू तैनात रहेंगे। एंबुलेंस भी चौबीस घंटे उपलब्ध रहेगी। उन्होंने ग्रामीणों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात कही। इस दौरान डॉ. बरियल मार्डी, डॉ. विशाल कुमार, एमपीडब्ल्यू राजकिशोर महतो, जीएनएम पार्वती मार्डी, आरती महतो समेत कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। गांव में जगह जगह गंदगी के अंबार
बालीडीह गांव में जगह जगह गंदगी के अंबार लगे हैं। पिछड़ा इलाका होने की वजह से गांव में विशेष साफ सफाई नहीं की जाती है। गांव नदी के किनारे स्थित है। गांव प्रवेश होते ही गोबर की ढेर लगी है। जगह-जगह जलजमाव है। ग्रामीण बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लंबे समय से यहां डीडीटी का छिड़काव नहीं हुआ है। बरसात के समय घर के आसपास गढ्डों में जलजमाव होता है लेकिन ब्ली¨चग पाउडर नहीं डाला जाता है। यहां पहले भी लोग डायरिया के चपेट में आ चुके हैं।