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गांव में मछली मारेंगे, पत्थर भी तोड़ेंगे, इसी में खुशी से जीएंगे

साहिबगंज लॉकडाउन की वजह से गांवों में छाया सन्नाटा अब समाप्त होने लगा है। गंगा प्रसाद पूर

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 06:40 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:23 AM (IST)
गांव में मछली मारेंगे, पत्थर भी तोड़ेंगे, इसी में खुशी से जीएंगे

साहिबगंज : लॉकडाउन की वजह से गांवों में छाया सन्नाटा अब समाप्त होने लगा है। गंगा प्रसाद पूरब मध्य पंचायत में इनदिनों चहल-पहल है। गांव में जगह-जगह चौपाल भी लगने लगी है। इस पंचायत की आबादी लगभग पांच हजार है। इस पंचायत में चार टोले हैं। तकरीबन 250 लोग दूसरे प्रदेशों में नौकरी के लिए गए थे। 136 लौट चुके हैं। 12 लोग अभी सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में हैं। कोटा से गांव लौटे सभी लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया था। उनकी क्वारंटाइन अवधि भी पूरी हो गई है। इसके बाद अब सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। इस कारण गांव में चहल-पहल कुछ ज्यादा ही है। गांव के ज्यादातर लोग फिलहाल मछली मारकर बेच रहे हैं तो कुछ लोग बगल के क्रशर में पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं। कोटा से लौटे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बड़ी मुश्किल से गांव वापस आए हैं। गांव में अपनापन लगता है। अब यहीं पर कमा कर खाएंगे। दुबारा कमाने के लिए दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे। कोटा से लौटे प्रवासी मजदूर बलराम सिंह ने बताया कि वहां छत की सेंट्रिग का काम करते थे। प्रतिदिन छह सौ रुपए कमा लेते थे लेकिन कोरोना वायरस फैलने के बाद लगाए गए लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया। कुछ दिनों तक ठेकेदार द्वारा मदद की गई। इसके बाद स्थिति काफी खराब हो गई। पैसा खत्म होने लगा तो गांव की याद आने लगी। बड़ी मुश्किल से घर लौटे हैं। कहा कि अब यही पर कमा कर खाएंगे। दुबारा कभी दूसरे प्रदेश में काम करने के लिए नहीं जाएंगे।

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कोटा से ही लौटे राकेश कुमार ने बताया कि आने में बहुत कष्ट हुआ। कई गाडि़यां बदलने के बाद गांव लौट पाए हैं। अब दुबारा हम कभी भी बाहर कमाने के लिए नहीं जाएंगे। यहीं पर जो काम मिलेगा वह कर लेंगे। कोटा से ही लौटे अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वहां से आने में बहुत दिक्कतों को सामना करना पड़ा। ऐसा लग रहा था कि गांव नहीं लौट पाएंगे।

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पंचायत के तकरीबन 250 लोग अन्य प्रदेश में कमाने के लिए गए थे। इनमें से 136 लोग गांव लौट आए हैं। सभी लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया था। अब अवधि समाप्त हो गई है। सभी लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। मास्क भी लगा रहे हैं। इससे गांव में चहल-पहल बढ़ गई है। बाहर से आये कुछ लोग मछली मार कर बच कर जीवन यापन कर रहें हैं तो कुछ क्रशर में काम कर रहे हैं। बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को काम देने के लिए जाब कार्ड बनाया जा रहा है। सभी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मुहैया कराया जाएगा।

एलिसमा, मुखिया, गंगा प्रसाद पूरब मध्य


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