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पानी में बहे करोडों, प्यास जस की तस

राजमहल की पहाड़ियों एवं गंगा के विस्तृत दियारा इलाके के मध्य बसे साहिबगंज जिले में वैसे तो सालोंभर पानी की किल्लत का सामना आम अवाम को करना पड़ता है। परंतु गरमी की आहट के साथ यह गंभीर संकट का रुप ले लेता है। जल संरक्षण के लिए गांवों में वर्ष 2013 को मुखिया को सरकार की ओर से जिम्मेवारी सौंपी गई। जिले में जलछाजन के लिए अबतक अकेले जलछाजन प्रकोष्ठ की ओर से 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई है। जिला परिषद की ओर से पतना बरहड़वा व उधवा प्रखंड के मध्य बहने वाले पुरंदर नाले के जीर्णोंद्धार के लिए 1.25 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। जिले में मनरेगा से पिछले सालों में 50 करोड़ से ज्यादा की राशि जल संचयन पर खर्च हो चुकी है। डोभा का निर्माण मनरेगा के अलावा भूमि संरक्षण विभाग की ओर से किया गया है परंतु अब भी खेत की कौन कहे मवेशियों एवं मानव की प्यास नहीं बुझ पा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:47 AM (IST)
पानी में बहे करोडों, प्यास जस की तस
पानी में बहे करोडों, प्यास जस की तस

जागरण संवाददाता, साहिबगंज: राजमहल की पहाड़ियों एवं गंगा के विस्तृत दियारा इलाके के मध्य बसे साहिबगंज जिले में वैसे तो सालोंभर पानी की किल्लत का सामना आम अवाम को करना पड़ता है। परंतु गरमी की आहट के साथ यह गंभीर संकट का रुप ले लेता है। जल संरक्षण के लिए गांवों में वर्ष 2013 को मुखिया को सरकार की ओर से जिम्मेवारी सौंपी गई। जलछाजन प्रकोष्ठ की ओर से 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई है। जिला परिषद की ओर से पतना बरहड़वा व उधवा प्रखंड के मध्य बहने वाले पुरंदर नाले के जीर्णोंद्धार के लिए 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ं मनरेगा से पिछले सालों में 50 करोड़ से ज्यादा की राशि जल संचयन पर खर्च हो चुकी है। डोभा का निर्माण मनरेगा के अलावा भूमि संरक्षण विभाग की ओर से किया गया है परंतु अब भी खेत की कौन कहे मवेशियों एवं मानव की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जलापूर्ति की योजनाएं दम तोड़ रही हैं। 5 करोड़ की राशि खर्च कर नालों पर श्रृंखलावद्ध चैक डैम का निर्माण किया गया है। कितना पानी कहां है इसकी खोज करने पर नतीजा बेहतर नहीं निकल रहा है। मुख्यमंत्री जल समृद्धि और मेसो सहित अन्य योजनाओं पर भी 40 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। जिले में 5 करोड़ की लागत से सालों पहले चैक डैम का निर्माण किया है। बरहड़वा प्रखंड के वभनी नाला पर 58.31 लाख, राजमहल प्रखंड के गम्हहरिया नाला पर 80.20 लाख, रहड़वा प्रखंड के केंचुआ नाला पर 46.96 लाख की लागत से, पतना प्रखंड के डार नाला पर 111.03 लाख, मंडरो प्रखंड के दोमुहानी नाला पर 104. 68 लाख के प्राक्कलन पर बने चैक डैम सूख रहे हैं।

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पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर जमीनी इलाके में जल संरक्षण के लिए प्रशासन की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है। योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास चल रहा है। पहाड़ी इलाके में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना से खेतों को सिचाई का लाभ पहुंचाने का प्लान जमीन पर उतारा जाएगा। पहाड़ी इलाके में पेयजल संकट दूर करने के लिए भी प्रयास चल रहा है।

संदीप सिंह

उपायुक्त, साहिबगंज


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