टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम ने दिया धोखा
बंदरगाह के उद्घाटन के दौरान टू वे कम्युनिकेशन की व्यवस्था की गई थी। रांची में मौजूद नरेंद्र मोदी साहिबगंज बंदरगाह परिसर में मौजूद लोगों ने संवाद करने वाले थे और यहां के मशीनों का परिचालन देखनेवाले थे। लेकिन ऐन मौके पर नेटवर्क ने धोखा दे दिया। इस वजह से यह संभव नहीं हो पाया। करीब 10.50 में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया यहां बने मंच पर पहुंचे।
साहिबगंज : बंदरगाह के उद्घाटन के दौरान टू वे कम्युनिकेशन की व्यवस्था की गई थी। रांची में मौजूद नरेंद्र मोदी साहिबगंज बंदरगाह परिसर में मौजूद लोगों ने संवाद करने वाले थे और यहां के मशीनों का परिचालन देखनेवाले थे। लेकिन ऐन मौके पर नेटवर्क ने धोखा दे दिया। इस वजह से यह संभव नहीं हो पाया। करीब 10.50 में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया यहां बने मंच पर पहुंचे। यहां पहुंचने पर आदिवासी रीति-रिवाज के साथ उनका स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। यहां मंच पर मौजूद विधायकों व राज्य के मंत्रियों के संबोधन के बाद केंद्रीय मंत्री ने लोगों को संबोधित किया। करीब 12.15 में यहां से सभी गणमान्य लोग जेटी (बंदरगाह का ऑपरेशनल एरिया) पहुंचे। वहां मशीनों का परिचालन देखा। इसी दौरान झमाझम बारिश शुरू हो गई। चूंकि वहां पंडाल आदि की व्यवस्था नहीं थी इसलिए कुछ देर तक छाता के सहारे बचने की कोशिश की लेकिन बारिश के तेज होने पर केंद्रीय मंत्री सहित वहां मौजूद सभी लोग बारिश से बचने के लिए कन्वेयर बेल्ट के नीचे आकर बैठ गए। बारिश की वजह से एलईडी को भी बंद करना पड़ा। बारिश समाप्त होने के बाद जब एलईडी चालू किया गया तब नेटवर्क गायब हो चुका था। ठीक उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसके बाद मोबाइल को ध्वनि विस्तारक यंत्र से जोड़कर वहां मौजूद लोगों को प्रधानमंत्री का संबोधन सुनाया गया। ठीक 1.15 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां से स्वीच दबाया और यहां शिलापट्ट पर लगा पर्दा हट गया। कुछ देर बाद नेटवर्क भी आ गया। इसके बाद लोगों ने कुछ देर तक पीएम के संबोधन को सुना। हालांकि, पंडाल में मौजूद आम लोग प्रधानमंत्री का संबोधन नहीं सुन पाए। करीब डेढ़ बजे कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा कर दी गई जिसके बाद लोग पंडाल से निकलने लगे।