बच्चों में सोच विकसित करना सहिया व सेविका की जिम्मेवारी
जागरण संवाददाता साहिबगंज आंगनबाड़ी केंद्र में गांव एवं समुदाय के बच्चों को शिक्षा देना पहला
जागरण संवाददाता, साहिबगंज: आंगनबाड़ी केंद्र में गांव एवं समुदाय के बच्चों को शिक्षा देना पहला कदम है। बच्चों में सोच विकसित करना सहिया व सेविका दीदी की जिम्मेवारी है। ये बातें बुधवार को सिदो-कान्हू सभागार में कार्यक्रम में आयोजित अनूठी पहल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार ने कही। इस अवसर पर पुस्तिका का लोकार्पण भी किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल के बच्चों का समग्र विकास कर उन्हें जिज्ञासु बनाने, खोजी बनाने, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी के प्रति प्रेरित करने तथा बच्चों को उनके भविष्य के बारे में उनकी अपनी सोच विकसित करने में मदद करने को सहिया एवं सेविका दीदी की जिम्मेदारी बताया गया। पिरामल फाउंडेशन के प्रशिक्षकों ने सेविकाओं को उन्हें अभिभावक और दोस्त बनकर सीख देने के लिए प्रेरित किया। बच्चों को पाठशाला पूर्व शिक्षा एवं ई रिसोर्सेस मेटेरियल की अनूठी पहल पर कार्यक्रम आयोजित कर फाउंडेशन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से बनाए गए पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई। जिले के तालझारी प्रखंड से 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को चिन्हित किया गया है जहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम बनाया गया है। उप विकास आयुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरुआत हो रहे पाठ्यक्रम एवं बच्चों को पढ़ाए जाने वाले कहानी की पुस्तक का मंचन किया। उन्होंने तालझारी प्रखंड की सेविकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि यह एक अच्छा अवसर है जो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आपसे शुरू हो रहा है। इस क्रम में विभिन्न सेविकाओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम, पिरामल फाउंडेशन से आरती शेखावत, चंदन कुमार, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, तालझारी प्रखंड की सेविका एवं अन्य उपस्थित थे।