प्राकृतिक आपदा ने तोड़ी किसानों की कमर
ाहिबगंज जिले में किसान प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं। रबी फसल मौसम की बेरुखी के कारण बर्बाद हो चुकी है। खरीफ फसल को लेकर खेतों की तैयारी करने का वक्त भी निकल रहा है। कृषि बहुल जिले में खेती किसानी करने वालों की पीड़ा कोरोना की आपदा से कम नहीं है।
साहिबगंज : जिले में किसान प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं। रबी फसल मौसम की बेरुखी के कारण बर्बाद हो चुकी है। खरीफ फसल को लेकर खेतों की तैयारी करने का वक्त भी निकल रहा है। कृषि बहुल जिले में खेती किसानी करने वालों की पीड़ा कोरोना की आपदा से कम नहीं है। पिछले दिन जिले में आंधी व बारिश से आम की फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा खलिहान में रखी गई रबी फसल बर्बाद हो रही है। खेतों में लगी सब्जी भी बारिश से क्षतिग्रस्त हो रही है। प्रखंड के आधे से हिस्सों में गेहूं सहित रबी फसल को ओलावृष्टि के कारण भी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के कारण आम की फसल को नुकसान हुआ है।
साहिबगंज जिला कृषि बहुल जिला है। जिले के चार प्रखंड कृषि बहुल हैं। इनमें साहिबगंज, राजमहल, उधवा व बरहड़वा प्रखंड शामिल हैं। इसके अलावा पांच पहाड़ी प्रखंड बोरियो, बरहेट, पतना, तालझारी व मंडरो में भी खेती की जाती है।
किसान जो ऊंची जमीन पर सब्जी की खेती करते हैं वे भी बेमौसम बारिश के कारण परेशान हो रहे हैं। दियारा क्षेत्रों में बाढ़ के सीजन के बाद किसान काफी तादाद में सब्जी की खेती करते हैं परंतु सब्जी उत्पादन के बाद इस साल बाजार नहीं मिल रहा है।
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कोट
जिला कृषि विभाग की ओर से बेमौसम बारिश से हुई फसल की क्षति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। प्रखंडों से अबतक रिपोर्ट नहीं मिली है। मौसम खराब रहने व बारिश होने के बाद रबी फसल व सब्जी की खेती की रिपोर्ट आने पर ही सही जानकारी मिलेगी।
उमेश तिर्की, जिला कृषि पदाधिकारी, साहिबगंज