वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी शरद पूर्णिमा महत्वपूर्ण
आज के दिन चंद्रमा से निकलने वाली विशेष किरण अपनी निकटता के कारण भौतिक तत्वों को सर्वाधिक प्रभावित करती हैं।
साहिबगंज : आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक गोपाल मंडल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अश्विनी मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला शरद पूर्णिमा महोत्सव वैज्ञानिक, पौराणिक, सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन चांद धरती के सबसे करीब माना जाता है और चंद्रमा की सभी 16 कलाएं दृष्टिगोचर होती हैं।
आज के दिन चंद्रमा से निकलने वाली विशेष किरण अपनी निकटता के कारण भौतिक तत्वों को सर्वाधिक प्रभावित करती हैं। वह शुक्रवार को रेलवे इंस्टीट्यूट मैदान में आरएसएस की ओर से आयोजित शरद पूर्णिमा महोत्सव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने भगवान कृष्ण के रूप में आज के दिन जन्म लिया था। जिला प्रचार प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि जिले के सभी तीन नगरों और नौ प्रखंडों की सभी शाखाओं में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया। सभी शाखाओं के स्वयंसेवक अलग-अलग मैदानों में एकत्र होकर के खुले आसमान के नीचे अमृत वचन, सुभाषित, देशभक्ति गीत, मनोरंजक खेल जैसे अंताक्षरी, कबड्डी आदि के कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में रखे गए शीत अच्छादित खीर को स्वयंसेवकों ने समाज के लोगों के साथ ग्रहण किया। रेलवे इंस्टीट्यूट मैदान में आयोजित कार्यक्रम में विभाग संघचालक विजय कुमार, विभाग व्यवस्था प्रमुख डॉ. नीतीश कुमार, जिला प्रचारक बिगेंद्र कुमार, जिला संपर्क प्रमुख निरंजन कुमार, नगर कार्यवाह अंकित सराफ, सह नगर कार्यवाह स्वपन कुमार, नगर बौद्धिक प्रमुख प्रमोद कुमार, जिला संपर्क टोली के डॉ. सुरेंद्र नाथ तिवारी, बस्ती प्रमुख अरुण विश्वकर्मा, गंगा समग्र के मोतीलाल सरकार, कमल महावर, संजय मिश्रा, मुरलीधर तिवारी आदि मौजूद थे।