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सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी गंगा में समाई

आखिरकार कबूतरखोपी में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी शुक्रवार को गंगा कटाव की भेंट चढ़ गई। कटाव के कारण चहारदीवारी कस एक हिस्सा भरभरा कर ढह गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:39 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:39 PM (IST)
सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी गंगा में समाई
सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी गंगा में समाई

संवाद सहयोगी, साहिबगंज : आखिरकार कबूतरखोपी में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी शुक्रवार को गंगा कटाव की भेंट चढ़ गई। कटाव के कारण चहारदीवारी कस एक हिस्सा भरभरा कर ढह गई। यदि अब भी प्लांट को बचाने के लिए काम नहीं किया गया तो प्लांट भी क्षति ग्रस्त हो सकता है। सीवरेज सिस्टम बिगड़ने से शहर का गंदा पानी सीधे गंगा में प्रवेश कर जाएगा।

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विदित हो कि पिछले कई दिनों से काफी तेजी से गंगा में कटाव जारी है। हर दिन 10 से 15 फीट गंगा कटाव हो रहा है। इस वजह से गंगा का तट सीवरेज प्लांट के करीब पहुंच चुका है। तीन दिन पहले ही कटाव की वजह से सीवरेज प्लांट का पाइप टूट गया था। प्लांट की दीवार में दरार पड़ चुकी थी। दीवार में दरार पड़ने तथा लगातार कटाव के बाद ऐसी में उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द ही दीवार गिर जाएगी।

इसको देखते हुए राजमहल विधायक अनंत ओझा व स्थानीय लोगों ने गंगा कटाव को देखते हुए जिला प्रशासन से जल्द उपाय करने की मांग की थी। जिला प्रशासन भी गंगा कटाव व सीवरेज प्लांट को बचाने के दिशा में तत्पर दिख रहा था। उपायुक्त रामनिवास यादव भी लगातार गंगा कटाव व सीवरेज प्लांट का जायजा ले रहे थे। अधिकारियों से कटाव व सीवरेज प्लांट को बचाने के लिए कई दिशा निर्देश भी दिये थे। इसके बाद भी सीवरेज प्लांट की चाहरदीवारी नहीं बचाई जा सकी।

वहीं नगर परिषद अध्यक्ष श्रीनिवास यादव ने कहा कि गंगा कटाव काफी तेजी से हो रहा है। यदि इस दिशा में जल्द कोई उचित प्रयास नहीं किया गया तो आज चाहरदीवारी गई है। कल प्लांट भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसलिए वक्त रहते इसका निदान जरूरी है।

सरकार नहीं दे रही ध्यान : विधायक

राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि वर्तमान में गंगा कटाव हो रहा है। इससे सीवरेज प्लांट के अस्तित्व पर संकट आया है। इसे बचाने को ले करके तकनीकी विशेषज्ञों के साथ और निर्णय प्रकिया करने वाले अधिकारियों के साथ बैठक की थी। तकनीकी विशेषज्ञ ने उपायुक्त को अपना सुझाव दिया था। उन्होंने ने कहा कि झारखंड का पहला सीवरेज प्लांट युक्त शहर साहिबगंज और दूसरा राजमहल होने जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्यजनक तरीके से गंगा में कटाव जारी हैं। बार-बार कहने के बाद भी राज्य सरकार सुनने को तैयार नहीं है। इस कारण आज सीवरेज प्लांट अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है। कटावरोधी कार्य के लिए पहल नहीं हो पाई है। नागरिक आबादी भी प्रभावित होने के कगार पर खड़ा हैं। हमने मांग की थी कि उच्चस्तरीय तकनीक के माध्यम से साहिबगंज शहर में तीन किलोमीटर राजमहल में नगर क्षेत्र में दो किलोमीटर का कटावरोधी कार्य करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाने की जरूरत है।

डीपीआर पर डीपीआर तैयार तो हो रहा है मगर अभी तक योजना का स्वीकृति प्रदान नहीं होना राज्य सरकार की लापरवाही को दर्शाता हैं।


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