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बकरी की मौत पर 5 घंटे तक किया सड़क जाम

जिले के तालझारी थानाक्षेत्र अंतर्गत सकरीगली आम बगान में हाइवा की चपेट में आने से एक बकरी की हुई मौत से आक्रोशित ग्रामीण से वहां ग्रामीण सड़क को जाम कर दिया। सूचना पर तालझारी व मुूफस्सिल थाना पुलिस भी वहां पहुंची। बाद में ग्रामीणों से वार्ता के बाद सड़क जाम हटाया गया। मिली जानकारी के अनुसार गदवा पहाड़ से पत्थर चिप्स लोडकर अनलो¨डग करने भूजलटोला आम बगान जा रहे हाइवा की चपेट में

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 05:42 PM (IST)
बकरी की मौत पर 5 घंटे तक किया सड़क जाम
बकरी की मौत पर 5 घंटे तक किया सड़क जाम

साहिबगंज : तालझारी थाना क्षेत्र के सकरीगली आम बगान के पास हाईवा की चपेट में आने से रविवार को एक बकरी की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीण भड़क उठे और ग्रामीण सड़क को जाम कर दिया। सूचना पर तालझारी व मुफस्सिल थाना की पुलिस वहां पहुंची। ग्रामीणों से बातचीत के बाद लगभग पांच घंटे बाद सड़क जाम हटाया गया। इस दौरान आवागमन पूरी तरह ठप रहा। लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

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बताते हैं कि गदवा पहाड़ से पत्थर चिप्स लादकर हाईवा भूजलटोला आम बगान जा रहा था। इस क्रम में हाईवा की चपेट में आने रविवार की सुबह बकरी की मौत हो गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने रैक लो¨डग प्वाइंट-गदवा पहाड़ ग्रामीण सड़क जाम कर दिया। ग्रामीण एक पत्थर व्यवसायी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे जिसके बारे में माना जाता है कि दुर्घटना में शामिल हाईवा का वह मालिक है। ग्रामीण उससे मरी बकरी का उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। इस दौरान लगभग पांच घंटे सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप रहा।

ग्रामीणों का कहना था कि आसपास विभिन्न गांवों में लगभग पांच हजार लोग रहते हैं। इस सड़क पर दिन-रात पत्थर चिप्स लदे हाईवा तेज गति से दौड़ते रहते हैं। इससे लोगों को जान का खतरा रहता है, वहीं दूसरी ओर सड़क से दिन-रात उड़ने वाले धूलकण से भी लोग काफी परेशान हैं। इस गांव में पहले भी कई बार दुघर्टनाएं हो चुकी है।

बाद में सूचना पर तालझारी थाना के प्रभारी एम. बेलगांडी व मुफस्सिल थाना के प्रभारी रामहरीश निराला भी पुलिस दल के साथ वहां पहुंचे। ग्रामीणों को काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ। बाद में आक्रोशित ग्रामीणों ने उपायुक्त व एसपी के नाम एक आवेदन पुलिस को सौंपा जिसमें उस सड़क पर शाम को हाइवा का परिचालन बंद करने, धूलकण से बचाव के लिए सड़क पर नियमित रुप से जल का छिड़काव कराने व वाहनों की रफ्तार नियंत्रित रखने की मांग की गई। ग्रामीणों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि सात दिन में उनकी मांगों पर विचार नही किया गया तो वे लोग आंदोलन करेंगे।


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