संक्रमण से बचने को बहाते हैं पसीना
संवाद सहयोगी राजमहल एक ओर कोरोना संक्रमण के भय से शहरी क्षेत्र में भय व संशय का मा
संवाद सहयोगी, राजमहल : एक ओर कोरोना संक्रमण के भय से शहरी क्षेत्र में भय व संशय का माहौल बना रहता है, तो राजमहल प्रखंड की महासिगपुर पंचायत के हल्दीटोला गांव के निवासी कोरोना के खौफ से दूर अपनी जिदगी आम दिनों की तरह खेतों व घरों में मेहनत कर आराम से जी रहे हैं। इस गांव का कोई भी व्यक्ति अभी तक संक्रमित नहीं हुआ। लगभग सौ घर और छह सौ की आबादी वाले इस गांव में मात्र 10 फीसद लोगों ने ही कोरोना से बचाव को टीकाकरण कराया है।
ग्रामीण प्रकाश महतो, प्रमोद महतो, पुरन महतो, वासुदेव महतो एवं सोमाय मुर्मू ने बताया कि यहां के अधिकतर युवक शहरी क्षेत्रों में रोजाना काम की तलाश में जाते थे, मगर कोरोना के चलते करीब दो साल से रोजगार के लाल पड़ने लगे। इसके चलते लोगों ने बाहर जाना छोड़ दिया। आर्थिक समस्या उत्पन्न होने पर गांव में ही रोजगार सृजन में जुट गए। कुछ लोग प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य से जुट गए तो कुछ ने जैविक खेती को अपना सहारा बना लिया। एक-दूसरे के घरों के सामान्य या कठिन कार्य में वे एक-दूसरे का हाथ बंटाने लगे। कोरोना नहीं फैले इसके लिए ग्रामीणों ने मेहनत कर पसीना बहाने को अहम बताया। उनलोगों ने कहा कि ग्राम में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपनाते हुए सुबह-सुबह नींबू पानी, गिलोय, अदरक-लौंग-दालचीनी का काढ़ा सेवन शुरू कर दिया। सुबह नाश्ते में वे लोग कच्चा चना भी खाते हैं। इसके बाद जमकर मेहनत करते हैं और पसीना बहाते हैं।
ग्राम के लोग सप्ताह में एक से दो दिन पास के बाजार से जरूरत का सामान लाने के लिए गांव से बाहर निकलते हैं। शाम में चौपाल में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हैं। टीका नहीं लेने का कारण पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि कई जगह से यह खबर आई है कि टीका लेने के बाद वह व्यक्ति काफी बीमार हो गया। कहीं-कहीं से ऐसी स्थिति में लोगों के मरने की भी खबर आई है। ऐसे में अगर वे लोग स्वस्थ हैं तो क्यों टीका लेकर बीमार पड़े। हालांकि, टीकाकरण से लाभ की बात बताने पर ग्रामीणों ने कहा कि वे लोग आपस में विचार-विमर्श करने के बाद ही इसपर निर्णय लेंगे। इस ग्राम का कोई भी व्यक्ति अब तक कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।
संयम को बनाया हथियार, कोरोना गांव से पार