ग्रामीण युवा बनेंगे पीएम के कौशल विकास के सारथी
प्रधानमंत्री ने गांव एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए देश भर में जो प्रयास प्रारंभ किया है। उसे दूर करने की जिम्मेवारी आत्मा को सौंपी गई है। साहिबगंज जिले में भी ग्रामीण युवा कौशल विकास के सारथी बनेंगें। पहली बार गांव के पढ़े लिखे 15 युवकों को केंचुआ से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर बेजान खेतों में जान लाने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है।
साहिबगंज: प्रधानमंत्री ने गांव एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए देश भर में जो प्रयास प्रारंभ किया है। उसे दूर करने की जिम्मेवारी आत्मा को सौंपी गई है। साहिबगंज जिले में भी ग्रामीण युवा कौशल विकास के सारथी बनेंगे। पहली बार गांव के पढ़े-लिखे 15 युवकों को केंचुआ से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर बेजान खेतों में जान लाने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। युवकों को आत्मा की ओर से छह दिनों का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। ये गांव के युवक न केवल जैविक खाद तैयार कर अपनी खेती में सुधार करेंगे बल्कि खाद को बेचकर प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपये की आय भी प्राप्त करेंगे। दरअसल साहिबगंज जिले की 12 लाख आबादी में से 10 लाख आबादी गांवों में रहती है। जिन्हें अबतक बिना कौशल विकास के छोड़ दिया गया है।
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क्या कहते युवक
आदिवासी बहुल बरहेट प्रखंड के युवक सुलेमान बेसरा पढ़ लिखकर गांव में खेतीबारी करते हैं। उनका कहना है कि वे अबतक खेतों में रासायनिक खाद डालते थे लेकिन अब खुद केंचुआ खाद यानी वर्मी कंपोस्ट तैयार करेंगे। इससे अपने खेत में जैविक खेती करने के अलावा आसपास के किसानों को खाद बेचकर आमदनी भी करेंगे। बरहेट के ही फुलभंगा गांव के मिखाईल सोरेन, बोरियो प्रखंड के छोटा बनगामा के ताला बासकी, मंडरो प्रखंड के श्रीपुर बाजार के संतलाल हांसदा, तालझारी प्रखंड के बिचकानी गांव के आदिम जन जाति परिवार के युवक राजू मालतो, कल्याणचक गांव के जोसेफ मालतो, बरहेट प्रखंड के पुलभंगा गांव के जगरनाथ टुडू, मंडरो के दया मरांडी, तालझारी के बड़का हांसदा और पतना प्रखंड के बांसकोला गांव के आदिवासी युवक अनिल टुडू को भी कौशल विकास के लिए वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया गया है। सभी युवक अब अपने गांव में ही जैविक खाद तैयार करेंगे।
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युवकों को मिलेगा स्वायल टे¨स्टग व आर्गेनिक फार्मिंग का भी प्रशिक्षण
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साहिबगंज जिले में प्रधानमंत्री का सपना साकार करने का कार्य पहली बार आत्मा की ओर से शुरू किया गया है। आत्मा के राजदेव कुमार बताते हैं कि ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। नेशनल इंस्टीट्यूट एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट, राष्टीय स्तर पर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय राज्य स्तर पर स्थापित एसएएमटीआई यानि समेति के माध्यम से इस गतिविधि को समन्वय करेगा। इसे जिला स्तर पर आत्मा के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। साहिबगंज जिले में आत्मा ग्रामीण युवकों को स्वायल टे¨स्टग व आर्गेनिक फार्मिंग का भी प्रशिक्षण देगी। जिले के सैकड़ों युवकों को गांव में ही कृषि विकास कर खुशहाल बनाने का कार्य प्रशिक्षण के माध्यम से किया जा रहा है।
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कोट
जिले में पहली बार गांव के पढ़े लिखे 15 युवकों को केंचुआ से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर बेजान खेतों में जान लाने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। युवकों को आत्मा की ओर से छह दिनों का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। जिले में आनेवाले महीनों में भी विभिन्न ट्रेडों में ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण आत्मा की ओर से दिया जाएगा।
उमेश तिर्की
निदेशक आत्मा सह जिला कृषि पदाधिकारी, साहिबगंज