चचेरे भाई ने कराया अपने 12 साल के छोटे भाई का अपहरण, चाचा से मांगी 80 लाख रुपये की फिरौती, ऐसे हुआ भंडाफोड़
लाल बहादुर यादव के 12 वर्षीय पुत्र भवेश का अपहरण किसी और ने नहीं बल्कि उसके चचेरे भाई ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर कराया था। इस मामले में 80 लाख रुपये की फिरौती की भी मांग की गई थी।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र के समलापुर निवासी लाल बहादुर यादव के 12 वर्षीय पुत्र भवेश के अपहरण में उसके चचेरे भाई व उसके कुछ करीबियों का नाम सामने आया है। पुलिस उनकी खोज में छापेमारी कर रही है, लेकिन सभी फरार हैं।
ठंडा लाने के लिए भवेश को दुकान भेजा गया था
बताया जाता है कि वह चचेरा भाई गांव में ही रहता है। घटना के दिन वह लाल बहादुर यादव यानि अपने चाचा के यहां आया था। उसने ही भवेश को दो सौ रुपए देकर ठंडा लाने के लिए झुमावती अस्पताल के पास भेजा था। दुकान पर जाने से पूर्व भवेश ने मोबाइल मां को देने की बात कही, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया।
स्कार्पियो में बिठाकर भवेश को लाया गया दूर
भवेश जिस दुकान पर गया वहां पहले से एक युवक था। उसने पिता से मिलने की बात कह कर बच्चे को स्कार्पियो में बिठा लिया और यहां से लेकर पीरपैंती चला गया। वहां पेट्रोल पंप के समीप एक झोपड़ी में रात भर रखा।
अगले दिन यानि सोमवार की दोपहर पीरपैंती रेलवे स्टेशन के पास ले जाकर छोड़ दिया। वहां किसी के मोबाइल से बच्चे ने अपने स्वजनों को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने उसे वहां पहुंचकर बरामद किया।
भवेश के पिता से मांगी गई 80 लाख रुपये की फिरौती
गौरतलब हो कि रविवार की शाम अपराधियों ने भवेश का अपहरण कर लिया था। अपहरणकर्ताओं ने उसके फोन से ही उसके पिता को फोन किया और 80 लाख रुपए फिरौती की मांग की। इधर, सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई। पुलिस दबिश से परेशान होकर अपहर्ताओं ने उसे पीरपैंती स्टेशन के पास छोड़ दिया।
पुलिस ने भवेश को ढूंढ़ निकाला
पुलिस रात में उसे लेकर यहां पहुंची। बाल गृह में उसे रखा गया। सुबह में बाल कल्याण समिति के समक्ष उसे पेश किया गया। लाल बहादुर यादव बिहार के पीरपैंती थाना क्षेत्र के गोविंदपुर के रहने वाले है।
वहां वह खेती किसानी करते हैं। बच्चे को पढ़ाने के लिए यहां समलापुर के परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। बेटा एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में कक्षा पांच में पढ़ता है।