Move to Jagran APP

हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत देने से कर दिया था इन्कार

ट्रेन रोकने के आरोप में साहिबगंज मंडल कारा भेजे गए राजमहल के पूर्व सांसद सोम मरांडी सहित छह लोगों को झारखंड हाईकोर्ट ने भी जमानत देने से इन्कार कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:21 AM (IST)
हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत देने से कर दिया था इन्कार
हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत देने से कर दिया था इन्कार

साहिबगंज : ट्रेन रोकने के आरोप में साहिबगंज मंडल कारा भेजे गए राजमहल के पूर्व सांसद सोम मरांडी सहित छह लोगों को झारखंड हाईकोर्ट ने भी जमानत देने से इन्कार कर दिया था। अग्रिम जमानत के लिए की गई अपील पर हाईकोई ने एक सप्ताह के अंदर आत्मसर्पण करने का निर्देश पूर्व सांसद व अन्य लोगों को दिया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि सरेंडर प्रमाणपत्र कोर्ट में पेश करने के बाद ही इस मामले में सुनवाई हो सकती है। पूर्व सांसद सोम मरांडी के अधिवक्ता व साहिबगंज व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता राजेश सिंह ने बताया कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है। एक-दो दिन में उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी जाएगी।

loksabha election banner

गौरतलब हो कि 15 मार्च 2012 को पूरे राज्य में तत्कालीन कांग्रेस की मनमोहन सरकार के खिलाफ रेल रोको आंदोलन किया गया था। इसी क्रम में पाकुड़ रेलवे स्टेशन के पास पूर्व सांसद सोम मरांडी, भाजपा के पूर्व पाकुड़ जिलाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, भाजपा नेता अमित अग्रवाल, हिसाबी राय, संजय वर्धन व अनुग्रह प्रसाद साह ने ट्रेनों का परिचालन बाधित किया। इस मामले में तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ पोस्ट पाकुड़ में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी की न्यायालय में सभी आरोपितों को एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई। आरोपितों ने इस सजा के खिलाफ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश साहिबगंज की न्यायालय में क्रिमिनल अपील दाखिल की थी। सुनवाई के पश्चात 16 अगस्त 2018 को निचली कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए न्यायालय ने आवेदन को खारिज कर दिया। इसके बाद आरोपित हाईकोर्ट गए जहां से भी राहत नहीं मिली तथा एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने को कहा गया। इसके बाद सभी छह आरोपितों ने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

राजमहल में खोला था भाजपा का खाता : सोम मरांडी ने राजमहल लोकसभा में भाजपा का खाता खोला था। मात्र नौ मत से उन्होंने 1998 में जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के थॉमस हांसदा को हराया था। इसके बाद मात्र देवीधन बेसरा ही यहां भाजपा के टिकट पर जीत पाए। सोम मरांडी इन दिनों राजनीति में हासिए पर थे। हालांकि, एक बार फिर से उनके सक्रिय राजनीति में लौटने के कयास लगाए जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.