आखिरकार खाली हो गया गंगा घाट
साहिबगंज नमामि गंगे योजना के तहत मुक्तेश्वर घाट के निर्माण व उसके सुंदरीकरण का मार्ग प्र
साहिबगंज : नमामि गंगे योजना के तहत मुक्तेश्वर घाट के निर्माण व उसके सुंदरीकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। गुरुवार की शाम घाट से अतिक्रमण हटा दिया गया। साहिबगंज सीओ महेंद्र मांझी व एनपीसीसी (नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड) के प्रोजेक्ट मैनेजर सुकेश प्रसाद की उपस्थिति में अतिक्रमण हटा दिया गया।
गौरतलब हो कि जनवरी 2017 में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत साहिबगंज से राजमहल तक आठ घाट व एक श्मशान घाट का निर्माण शुरू किया गया। इनमें से साहिबगंज के मुक्तेश्वर घाट व राजमहल के कालीघाट को छोड़कर अन्य घाटों व श्मशान का निर्माण पूर्ण हो गया, लेकिन भूमि खाली न होने की वजह से मुक्तेश्वर घाट का निर्माण व सुंदरीकरण कार्य अधूरा था। नदी किनारे काम किया गया लेकिन सड़क किनारे की भूमि रैयत खाली नहीं कर रहे थे। बताया जाता है कि चार रैयतों की जमीन का अधिग्रहण काफी पूर्व कर लिया गया था। इनमें से तीन रैयतों ने जमीन का मुआवजा भी प्राप्त कर लिया लेकिन एक रैयत मुआवजा लेने को तैयार नहीं थे। वे उसे व्यवसायिक भूमि बताते हुए अधिक मुआवजे की मांग कर रहे थे। इस वजह से घाट निर्माण व सुंदरीकरण का काम काफी समय से बाधित था। एनपीसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने इसके लिए कई बार उपायुक्त से गुहार लगायी लेकिन मामले का निष्पादन नहीं हो रहा था। गुरुवार को प्रशासन ने उक्त जमीन को खाली करा लिया। बताया जाता है कि प्रशासन ने भूस्वामी को मुआवजा की राशि ले लेने का अनुरोध किया है अन्यथा वह राशि कोर्ट में जमा करा दी जाएगी। सभी आठ घाट व एक श्मशान घाट का निर्माण 33 करोड़ रुपये की लागत से होना था। अक्टूबर 2018 में ही काम पूरा कर देना था लेकिन अब तक वह अधूरा है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि अब तीन माह के अंदर मुक्तेश्वर घाट के सुंदरीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।