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साहिबगंज में बिना अनुमति चल रहे बूचड़खाने

जिले में दर्जनों बूचड़खाने बिना अनुमति संचालित हो रहा है। राज्य सरकार से जारी निर्देश के आलोक में बूचड़खाना चलाने के लिए जिला स्वास्थ विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है, बावजूद इसके लिए विभाग से बिना लाइसेंस लिये जिले में मनमाने तरीके से इधर-उधर दर्जनों बूचड़खाने संचालित हो रहे है। दरअसल मार्च 2017 में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उत्तर प्रदेश की तर्ज

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 07:17 PM (IST)
साहिबगंज में बिना अनुमति चल रहे बूचड़खाने

जागरण संवाददाता, साहिबगंज: जिले में दर्जनों बूचड़खाने बिना अनुमति संचालित हो रहा है। राज्य सरकार से जारी निर्देश के आलोक में बूचड़खाना चलाने के लिए जिला स्वास्थ विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है, बावजूद इसके लिए विभाग से बिना लाइसेंस लिए जिले में मनमाने तरीके से इधर-उधर दर्जनों बूचड़खाने संचालित हो रहे है। दरअसल मार्च 2017 में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर झारखंड में भी सभी अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था। इसके लिए राज्य की जनता की सुरक्षा और सेहत का हवाला दिया गया था। इसके आलोक में कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने जिले में संचालित सभी अवैध बूचड़खानों के संचालन पर तत्काल रोक लगा दिया था। बाद में कुछ शर्तो के साथ बूचड़खाना संचालन के लिए लाइसेंस निर्गत करने की बात सरकार द्वारा कही गई, जिसमें मुख्य रुप से बूचड़खाने सड़क के किनारे खुले में संचालित ना हो, इसके संचालन के लिए दो कमरों की व्यवस्था करने, उसमें एक कमरे में शीशा लगवाने, दूसरे कमरे को लाल रंग से रंगने आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही इसके संचालन के जिला स्वास्थ विभाग से लाइसेंस लेने के लिए निर्देश जारी किया गया थ।

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आठ बूचड़खाने संचालकों ने दिया था आवेदन

सरकार से जारी निर्देश के आलोक में शहर के आठ लोगों ने बूचड़खाना संचालित करने के लिए वर्ष 2017 में ही नगर परिषद को आवेदन दिया था, इससे पहले की नगर परिषद द्वारा लाइसेंस निर्गत किया जाता, तबतक राज्य सरकार का यह आदेश आ गया कि अब लाइसेंस जिला स्वास्थ विभाग निर्गत करेगी। ऐसे में नगर परिषद ने स्थलीय जांच के बाद उन आठों आवेदनों को स्वास्थ विभाग के जिम्मे सौंप दिया था, लेकिन स्वास्थ विभाग की ओर से इसमें से कुछ लाइसेंस ही निर्गत किया गया। बता दें कि केवल साहिबगंज के शहरी क्षेत्रों में कुलीपाड़ा, कॉलेज रोड, पुलिस लाइन, सब्जी मंडी, झरना कालोनी, अंजुमन नगर इलाकों में धड़ल्ले से बूचड़खाने संचालित है।

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क्या कहते हैं नगर परिषद के सीटी मैनेजर

नगर परिषद के सीटी मैनेजर पुरुषोत्तम देव ने कहा कि नमामि गंगे के तहत जल्द ही कुलीपाड़ा घाट रोड में संचालित सभी बूचड़खानों को वहां से हटाकर हाट परिसर में बने दुकानों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए हाट परिसर में बने दुकानों से पानी निकासी के लिए नाली निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। बूचड़खानों के कुछ संचालकों ने वहां दुकान लेने के लिए आवेदन भी दिया है। जल्द ही बूचड़खाने हटाकर उक्त इलाके में ग्रीन होटल से बिजली घाट तक सड़क किनारे सौंदर्यीकरण कार्य किया जाएगा।

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क्या कहते हैं नगर परिषद अध्यक्ष

नगर परिषद अध्यक्ष श्रीनिवास यादव ने कहा कि सड़क किनारे अवैध रुप से संचालित बूचड़खानों को हटाने के लिए नगर परिषद प्रशासन गंभीर है। जल्द ही इसके लिए मुहिम चलाकर सभी को हाट परिसर में बने दुकानों में शिफ्ट किया जाएगा।


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