पतना में आठ और पीएम आवास में गड़बड़ी उजागर
जागरण संवाददाता साहिबगंज पतना प्रखंड की शहरी पंचायत में आठ और प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी की बात सामने आई है। छह मामलों में योजना की राशि दूसरे व्यक्ति के खाते में भेज दी गई तो दो मामलों में ऐसे व्यक्ति को आवास योजना का लाभ दे दिया गया जिनके परिवार में पहले ही आवास मिल चुका है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : पतना प्रखंड की शहरी पंचायत में आठ और प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी की बात सामने आई है। छह मामलों में योजना की राशि दूसरे व्यक्ति के खाते में भेज दी गई तो दो मामलों में ऐसे व्यक्ति को आवास योजना का लाभ दे दिया गया जिनके परिवार में पहले ही आवास मिल चुका है। इस संबंध में तत्कालीन बीडीओ चंदन कुमार सिंह ने तत्कालीन उपविकास आयुक्त को रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के आधार पर दो बार जांच कमेटी भी गठित हुई थी, लेकिन जांच ही नहीं हुई।
इससे जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा करनेवाला एक बड़ा गिरोह है। इसकी पहुंच जिलास्तरीय पदाधिकारियों तक है। वह संबंधित लोगों को मैनेज करने का काम करता है। उधर, आवास योजना में सभी प्रखंडों में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद योजना की मॉनीटरिग के लिए बनाए गए तंत्र पर ही सवाल उठने लगे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की मॉनीटरिग के लिए एक जिलास्तरीय पदाधिकारी हैं। इसके बाद सभी प्रखंडों में भी समन्वयक हैं। जानकारों की मानें तो पूरी प्रक्रिया के डिजिटल होने के बाद गड़बडि़यां घटने के बदले और बढ़ गई हैं। अब आवास की स्वीकृति से लेकर भुगतान तक डिजिटल होता है। इसमें कंप्यूटर ऑपरेटर ही सब कुछ करता है।
जनवरी 2019 में भेजी थी रिपोर्ट : दैनिक जागरण के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार 28 जनवरी 2019 को तत्कालीन बीडीओ ने शहरी पंचायत में हुई गड़बड़ियों से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट उपविकास आयुक्त को भेजी थी। इसके बाद तत्कालीन डीडीसी नैंसी सहाय ने 14 फरवरी 2019 को डीएलओ भागीरथ प्रसाद व एलडीएम रामदास रजक की दो सदस्यीय जांच टीम गठित की, लेकिन 17 अप्रैल 2020 तक जांच रिपोर्ट डीडीसी को नहीं मिली। डीएलओ का भी तबादला हो गया। इसके बाद डीडीसी ने 18 अप्रैल 2020 को नए डीएलओ व पतना प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारी शिवनारायण यादव व एलडीएम रामदास रजक की पुन: जांच टीम गठित की और पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा लेकिन इस बार भी जांच नहीं हुई और मामला दब गया।
छह लोगों का पैसा दूसरे के खाते में भेजा : तत्कालीन बीडीओ की जांच रिपोर्ट के अनुसार कौआढ़ाब के प्रेम मरांडी का पैसा भूषण सोरेन, हाकिम सोरेन का पैसा राम हिलेरियस सोरेन, साहेब सोरेन का पैसा बिरम सोरेन, सेराजुद्दीन अंसारी का पैसा जैनुल आबेदिन, रूपा मालतो का पैसा समसुन मालतो, लता देवी का पैसा पति देवी के खाते में भेज दिया गया। शहरी पंचायत में ही नरेश साह को वित्तीय वर्ष 2012-13 में इंदिरा आवास का लाभ मिला था, लेकिन 2017-18 में उसकी पत्नी को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया। सुबोध साह की पत्नी को भी पूर्व में इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला था लेकिन बाद में उसे प्रधानमंत्री आवास का लाभ दे दिया गया। बीडीओ ने इस गड़बड़ी के लिए तत्कालीन जनसेवक जयचंद व भगन हांसदा को जिम्मेदार ठहराया था।
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इन गड़बड़ियों के बारे में जानकारी नहीं है। संबंधित फाइल देखने के बाद ही इस संबंध में कुछ भी बता सकता हूं।
सुमन कुमार सौरभ, बीडीओ, पतना