जिले के विकास को लगेंगे पंख
आकांक्षी जिलों में शामिल होने के बाद से जिले के विकास की रफ्तार तेज हो गई है। फरवरी में हुई डेल्टा रैंकिग में जिला 115 आकांक्षी जिलों में दूसरे नंबर पर आ गया। इस वजह से दस करोड़ रुपए जिले को मिलेंगे। इसके साथ ही जिले की विकास योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) व एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) की टीम जिले को मिलेगी।
साहिबगंज : आकांक्षी जिलों में शामिल होने के बाद से जिले के विकास की रफ्तार तेज हो गई है। फरवरी में हुई डेल्टा रैंकिग में जिला 115 आकांक्षी जिलों में दूसरे नंबर पर आ गया। इस वजह से दस करोड़ रुपए जिले को मिलेंगे। इसके साथ ही जिले की विकास योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) व एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) की टीम जिले को मिलेगी। यह यहां रहकर विकास योजनाओं का खाका तैयार करेगी। बताया जाता है कि आकांक्षी जिला घोषित किये जाने के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसी कड़ी को सौ एएनएम को स्कूटी दी गई है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए 30 स्वास्थ्य केंद्रों को चिह्नित किया गया है। 1.8 करोड़ की राशि से इन स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच के लिए नवकिरण दिवस मनाया जा रहा है। इस क्रम में 45 आंगनबाड़ी केंद्रों को माडल बनाया गया है। इनकी जांच के लिए जिलास्तर पर टीम गठित की गई है जो समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करती है। डीसी संदीप सिंह ने बताया कि स्कूलों के बारे में काफी शिकायत मिल रही थी। इसके लिए ज्ञान ज्योति योजना शुरू की गई। अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया गया। इसके लिए तीन-तीन स्कूलों का पाकेट बनाकर स्कूलों में अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी की गई। 850 स्कूलों में अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी हुई। करीब 60 हजार के आसपास अभिभावक इन संगोष्ठियों शामिल हुए। अभिभावकों को बताया गया अगर समस्या है तो वे उसकी शिकायत करें। इसका परिणाम यह हुआ कि बच्चे स्कूल आने लगे। उन्होंने बताया कि जिले की रैंकिग में सुधार हुआ है। हालांकि अभी ओवरआल रैंकिग अभी नहीं आई है। कहा कि चुनाव के बाद यूएनडीपी व एडीबी की टीम यहां आएगी।