पश्चिम बंगाल में तृणमूल कार्यकर्ताओं के भय से 70 और भाजपाई भाग कर झारखंड पहुंचे
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के आतंक के कारण अपना घरबार छोड़ कर और 70 भाजपाई साहिबगंज पहुंचे।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के आतंक के कारण अपना घरबार छोड़ कर मंगलवार को और 70 भाजपाई साहिबगंज पहुंचे। इन्हें स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से स्थानीय अमख पंचायत भवन में रखा गया है। यहां पूर्व से करीब 170 लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जिला से भाग कर शरण लिए हुए हैं।
मंगलवार को मालदा जिला भाजपा अध्यक्ष सुब्रतो कुंडू व मालदा भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीरूपा मित्रा चौधरी यहां पहुंचीं और शरणार्थियों का हालचाल जाना। भाजपा नेत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अब तृणमूल कांग्रेस का आतंक चरम पर पहुंच गया है। जिसका मुंहतोड़ जवाब जनता ने देना शुरू कर दिया है। इसकी बानगी संपन्न पंचायत चुनाव में देखने को मिली। भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर तृणमूल कांग्रेसी आतंक का रास्ता अपना कर परेशान करने में लगे हैं। श्रीरूपा चौधरी ने कहा कि मालदा जिला में पंचायत चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। यहां जिला परिषद सदस्य के छह पद, पंचायत समिति के 97 पद एवं जीपी यानि ग्राम प्रधान के 531 पदों पर भाजपा के लोगों की जीत हुई है। जिससे विरोधी घबराए हैं और विजयी प्रत्याशियों के साथ मारपीट, घर जलाने, बच्चे व महिलाओं का अपहरण करने, दुराचार करने तक की घटना को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे।
भाजपा मालदा जिलाध्यक्ष सुब्रतो कुंडू ने बताया कि आतंक इतना है कि कईयों के साथ मारपीट कर हाथ व पैर तोड़ दिया गया और तो और उनपर कई गंभीर आरोप लगाकर केस भी किया जा रहा है। जेल भेजा जा रहा है। घायलों का इलाज अस्पताल में नहीं होने दिया जाता, कोई राशन पानी देने आता है तो उसे भी मारापीटा जाता है। प्रदेश कार्य समिति सदस्य श्रीरूपा मित्रा चौधरी बताती हैं कि आतंक ऐसा है कि गर्भवती माताओं के साथ भी दुर्व्यवहार हो रहा है। विजेता प्रत्याशी का सर्टिफिकेट छीनकर उसे बुरी तरह प्रताडि़त कर रहे हैं। रतुआ पंचायत समिति सदस्य पद से विजयी प्रत्याशी महिला श्यामली दास कहती हैं कि वह तृणमूल के आतंक से कई सालों से लड़ रही हैं। एक बार कुछ दबंगों ने उसके घर में घुस कर मासूम बच्ची के साथ दुराचार किया। जिसके खिलाफ उसने लड़ाई लड़ी और आरोपियों को जेल भिजवाया। अभी वे सभी तृणमूल के आतंक से घर छोड़कर आई हैं। वे घर लौटकर तृणमूल कांग्रेस के आतंक का जवाब देंगी।
तृणमूल कार्यकर्ताओं इसलिए ली झारखंड में शरण
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के परिणाम के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा मचाए जा रहे उत्पात से भयभीत मालदा जिले के 170 भाजपाई शरण लेने के लिए साहिबगंज (झारखंड) पहुंचे हैं। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की देखरेख में इन लोगों को शहर के अमख पंचायत भवन में रखा गया है। मालदा जिला अंतर्गत गाजल, बावनगोला, हवीपुर, मानिकचक इत्यादि इलाकों से लगभग 170 भाजपा कार्यकर्ता रविवार की सुबह से लेकर देर शाम तक साहिबगंज पहुंचे। इनमें 75 महिलाएं शामिल हैं।
दल में महिलाओं को लीड कर रही श्यामली दास ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनलोगों को पंचायत चुनाव में बतौर ग्राम पंचायत सदस्य जीत मिली है। अब ग्राम पंचायत प्रधान के चुनाव के लिए उन लोगों से तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता जबरन समर्थन मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले की कुल 24 सीटों में भाजपा समर्थित 14 सदस्यों को जीत मिली है जबकि तृणमूल कांग्रेस को केवल आठ सीटों पर जीत मिली है। ऐसे में भाजपा समर्थित उम्मीदवार का ग्राम पंचायत का प्रधान चुना जाना तय है। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचा रखा है। समर्थन नहीं देने पर कभी जान से मारने की तो कभी अपहरण की धमकी दी जा रही है।
शिकायत के बाद भी पुलिस तृणमूल कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे उनलोगों पर जान का खतरा मंडराने लगा है। यही आरोप यहां पहुंचे अन्य लोगों ने भी लगाया। भाजपा जिला महामंत्री सह नगर परिषद अध्यक्ष श्रीनिवास यादव ने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं के उत्पात के भय से मालदा से यहां भागकर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं का ख्याल रखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में विधि व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। वहां जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।