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हसन चिकना के गिरफ्तारी के बाद अब गुर्गे बदलने लगे अपने ठिकाने

उधवा (साहिबगंज) : अंतरप्रांतीय शटर-कटर गिरोह के मास्टर माइंड डेढ़ लाख के इनामी हसन

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 05:45 PM (IST)
हसन चिकना के गिरफ्तारी के बाद अब गुर्गे बदलने लगे अपने ठिकाने
हसन चिकना के गिरफ्तारी के बाद अब गुर्गे बदलने लगे अपने ठिकाने

उधवा (साहिबगंज) : अंतरप्रांतीय शटर-कटर गिरोह के मास्टर माइंड डेढ़ लाख के इनामी हसन चिकना के मुंबई से गिरफ्तार होने के बाद उसके गुर्गो की परेशानी और बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से झारखंड, बिहार एवं इलाहाबाद पुलिस के लिए हसन चिकना के गिरफ्तारी सिर दर्द बनी हुई थी। उनकी गिरफ्तारी से तीनों राज्यों की पुलिस ने चैन की सांस ली है। बताया जाता है कि हसन चिकना का हाथ बहुत लंबा है। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार बड़े-बड़े वारदातों को अंजाम देने के बावजूद भी वह 6 महीना से ज्यादा सलाखों के पीछे नहीं रहता। हालांकि उसकी गिरफ्तारी की खबर सुनते ही गिरोह के अन्य सदस्य सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। राजमहल तथा राधानगर थाना क्षेत्र के गिरोह में संलिप्त कई सक्रिय सदस्य अपने रिश्तेदार के घर पश्चिम बंगाल तो कोई बांग्लादेश तक निकल गए हैं। हसन चिकना गिरोह में शामिल फेराजुल शेख तथा जीतु घोष को कुछ समय पहले ही बोकारो पुलिस दबोच चुकी है। वहीं अन्य सदस्य सेनाउल शेख, लवरेज शेख, रहीम शेख उर्फ टर्की व कृष्णा अब भी फरार है। उसके गुर्गे अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए लगातार मोबाइल सिम तथा ठहरने के लिए स्थान बदलते रहे हैं। हसन चिकना गिरोह के सदस्य कृष्णा रविदास बरहड़वा शहरी क्षेत्र में 56 लाख रुपये की लागत से मकान व जगह खरीदी है। कृष्णा बागडोगरा के अलावे कानपुर में बैंक शाखा में चोरी मामले में फरार आरोपी है। वह राधानगर थाना क्षेत्र के प्राणपुर का रहने वाला है लेकिन पुलिस से बचने के लिए मालदा जिला मिल्की गांव में अपने ससुराल में रहकर चोरी की वारदात में शामिल होते रहता है। बता दें कि मास्टर माइंड हसन चिकना वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ के एक आभूषण दुकान से करोड़ों रुपये चोरी मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन 4 महीने के अंदर ही उसका जमानत पर रिहा हो गए थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी बागडोगरा स्थित यूनाइटेड बैंक में लाखों की जेवरात तथा नकदी करेंसी चोरी की थी। मामले में पुलिस गिरफ्तार कर उसके पास से 3:30 किलो सोना भी बरामद किया था। पश्चिम बंगाल में जमीनी पकड़ होने के कारण में उक्त मामले में हसन चिकना 5 महीने के भीतर ही जमानत पर रिहा हो गया था। फिर बीरभूम जिला के पीसी चंद्रा ज्वेलर्स दुकान से लाखों रुपए का सोना एवं नगदी चोरी की थी। उसके गिरेबान तक पुलिस नहीं पहुंच पाई थी। कुछ दिन बाद बोकारो में एसबीआइ बैंक से 72 लॉकर काटकर तथा इलाहाबाद के यूको बैंक में 26 लॉकर काटकर करोड़ों रुपये के आभूषण को उड़ाए थे। हसन चिकना की गिरफ्तारी के लिए इलाहाबाद के प्रशिक्षु एएसपी की अगुवाई में 21 सदस्यीय यूपी पुलिस बीते 3 मई से लगभग 10 दिनों तक साहिबगंज में कैंप भी किया, हालांकि उस दौरान उसके तीन गुर्गे जरूर हाथ लगे, लेकिन हसन चिकना की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए चुनौती बनी रही।

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