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1998 के बाद फिर उधवा में बाढ़ से भारी तबाही

एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश तथा गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बृद्धि से प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ से भारी तबाही हुई है।सड़क संपर्क टूट गया है। नाव से भी यातायात सुरक्षित नहीं रहा है। स्थिति 199

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:34 AM (IST)
1998 के बाद फिर उधवा में बाढ़ से भारी तबाही
1998 के बाद फिर उधवा में बाढ़ से भारी तबाही

उधवा (साहिबगंज) : गंगा में आयी बाढ़ से प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में भारी तबाही हुई है। सड़क संपर्क टूट गया है। नाव से भी यातायात सुरक्षित नहीं है। स्थिति 1998 की बाढ़ जैसी हो गई है। 1998 में भी सितंबर माह के दूसरे सप्ताह में बाढ़ से उधवा प्रखंड की लगभग सभी पंचायत में भारी तबाही हुई थी। उधवा प्रखंड मुख्यालय तथा राजमहल से आठ सितंबर के बाद सड़क संपर्क टूट गया था। साहिबगंज से राजमहल का सड़क संपर्क टूट गया था। राहत सामग्री पहुंचाने में भी परेशानी हो रही थी। उधवा राधानगर आरईओ सड़क तथा राधानगर सिरासिन सड़क पर बाढ़ का पानी है। लगभग 19 पंचायत में बाढ़ का असर है। मसना तथा आतापुर पंचायत में मूसलाधार बारिश के कारण धान के फसल को नुकसान हुआ है। मोहनपुर, सुतियारपाड़ा तथा जोंका पंचायत में भी धान की फसल को नुकसान हो सकता है। राधानगर निवासी पूर्व विधायक अरुण मंडल तथा श्रीघर निवासी तत्वोरंजन मंडल ने 1998 में आई बाढ़ में लोगों को राहत सामग्री दिलाने के लिए प्रशासन तथा आम जनता के बीच मध्यस्थता की थी। दोनों ने बताया कि 1998 में बाढ़ से भारी तबाही का मंजर भयानक था। नाव से यातायात करना खतरनाक था। लेकिन सभी असुविधा के बावजूद प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की थी। आज परिस्थिति भिन्न है।

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