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गंगा में समा गई एक बीघा जमीन

उधवा प्रखंड मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर तटवर्ती क्षेत्र खट्टी टोला गांव में गंगा कटाव फिर से शुरू हो गया है। गंगा कटाव से पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र गंगा किनारे बसे हजारों आबादीवाले क्षेत्र का अस्तित्व मिटने के कगार पर है। शुक्रवार के सुबह अचानक खट्टी टोला गंगा किनारे लगभग एक बीघा जमीन गंगा में धंस गया है। ²श्य देखकर क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है। उत्तर पलाशगछी के मुखिया मोहम्मद सेराजुल हक सावेर अली साफीक शेख अकलु दर्जी बरकत शेख का कहना है कि प्रतिवर्ष बाढ़ के समय गंगा के जलस्तर में वृद्धि होते ही गंगा के पानी काशी होकर राजमहल फरक्का बैरेज होते हुए बांग्लादेश के और तेज रफ्तार से प्रवाह होने लगता है । तब उस समय गंगा

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 06:53 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:34 AM (IST)
गंगा में समा गई एक बीघा जमीन
गंगा में समा गई एक बीघा जमीन

उधवा (साहिबगंज) : उधवा प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तटवर्ती क्षेत्र खट्टी टोला गांव में गंगा कटाव फिर से शुरू हो गया है। यहां शुक्रवार को एक बीघा जमीन जमीन गंगा में समा गई। इससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत है। लोग चितिंत है कि कहीं उनका घर में गंगा में न समा जाएगा। बता दें गंगा कटाव से पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र गंगा किनारे बसे हजारों आबादी वाले क्षेत्र प्रभावित है। इस संबंध में उत्तर पलाशगछी के मुखिया मोहम्मद सेराजुल हक, सावेर अली, साफिक शेख, अकलू दर्जी, बरकत शेख ने बताया कि प्रतिवर्ष बाढ़ के समय गंगा के जलस्तर बढ़ता है। इससे गंगा का पानी साहिबगंज राजमहल व फरक्का बैरेज तक तेज रफ्तार से प्रवाहित होने लगता है। इस कारण गंगा कटाव शुरू होता था। लेकिन वर्तमान में न गंगा के पानी में उफान हुआ है ना तेज जल प्रवाह। फिर भी गंगा कटाव शुरू हो गया है। इससे लोग परेशान हैं।

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यह क्षेत्र है प्रभावित

गंगा कटाव होते रहा तो उत्तर पलाशगाछी पंचायत के नकीर टोला, बानू टोला, खट्टी टोला, प्राणपुर के मोहब्बत टोला, चामा ग्राम, सुभान टोला आदि हजारों की आबादी वाले गांव तथा अमानत से खट्टी टोला तक लाखों रुपये खर्च कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही सड़क, पंचायत भवन, खट्टी टोला मध्य विद्यालय जैसे सरकारी इमारत का अस्तित्व मिटने में देर नहीं लगेगी। वर्ष 2018 में गंगा कटाव में कई लोग बेघर हुए थे। इसमें बुल्लु शेख,मताहर शेख,आतेका बीवी, आईजुल शेख सहित एक दर्जन परिवार हैं। लगभग दो-तीन एकड़ जमीन भी गंगा में समा चुकी थी।

कटाव रोकने को किया गया था बोल्डर क्रेटिंग

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, गंगा पंप नहर विभाग की ओर से 3 साल पूर्व अलग-अलग पार्ट बनाकर 7 किलोमीटर तक गंगा कटाव रोकने के लिए बोल्डर क्रेटिग का काम किया गया है। इससे लोग फिलहाल सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लेकिन अभी भी 3 से 4 किलोमीटर क्षेत्र में काम अधूरा है। इस कारण कई दर्जन गांव के लोग आज भी असुरक्षित है।

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वर्जन

उधवा बीडीओ से इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद संबंधित विभाग से इसकी जानकारी ली जाएगी कि किस प्रकार रोकथाम के लिए प्रयास करना चाहिए। तत्काल गंगा किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

नैंसी सहाय, उप विकास आयुक्त, साहिबगंज


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