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Lok Sabha News 2019: गंगा पर पुल के शिलान्यास में लग गए 70 साल, न जाने कब उद्घाटन

2266 करोड़ की लागत से साहिबगंज एवं मनिहारी के बीच बनने वाले गंगा पुल का निर्माण कार्य अधर में लटक चुका है। फोर लेन पुल के निर्माण में कई तकनीकी दिक्कतें आ गई हैं।

By SunilEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 03:10 PM (IST)
Lok Sabha News 2019: गंगा पर पुल के शिलान्यास में लग गए 70 साल, न जाने कब उद्घाटन
Lok Sabha News 2019: गंगा पर पुल के शिलान्यास में लग गए 70 साल, न जाने कब उद्घाटन

साहिबगंज, जेएनएन। 6 अप्रैल 2017। साहिबगंज में सब तरफ जश्न का माहौल। आजादी के 70 साल बाद साहिबगंज में गंगा नदी पर 21.9 किमी लंबा पुल बनाने के लिए उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था। पुल बनने के बाद बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों से झारखंड आसानी से जुड़ जाता। साहिबगंज के साथ संताल परगना के कई जिलों की किस्मत खुल जाती। पुल के शिलान्यास के वक्त सार्वजनिक तौर पर वायदा किया गया था कि जल्द पुल का काम शुरू हो जाएगा। 24 महीने गुजर चुके हैं। पुल बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है। जिस कंपनी को पुल बनाने का टेंडर दिया गया था, वह दिवालिया हो चुकी है। टेंडर रद कर दिया गया है। दोबारा टेंडर नहीं हुआ है। कब काम शुरू होगा? कोई नियत अवधि बताने की हालत में नहीं है। लोग उदास स्वर में कहते हैं, न जाने कब उदघाटन होगा।

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2266 करोड़ की लागत से साहिबगंज एवं मनिहारी के बीच बनने वाले गंगा पुल का निर्माण कार्य अधर में लटक चुका है। फोर लेन पुल के निर्माण में कई तकनीकी दिक्कतें आ गई हैं। ब्रिटिश राज से फेरी सेवा के सहारे साहिबगंज और बिहार के लोग गंगा नदी को पार करते रहे हैं। पुल बनाने के लिए कई दशक से आंदोलन चलते रहे हैं। शिलान्यास के दो साल बाद काम शुरू नहीं होने पर फिर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद लोग सड़क पर उतरने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।

जवाहर लाल नेहरू ने कराया था पहली बार सर्वे : देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साहिबगंज में गंगा नदी पर पुल बनाने के लिए पहली बार सर्वे कराया था। 1957 में डाॅक्टर मौक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को सर्वे की जवाबदेही दी गई थी। उन्होंने साहिबगंज से मनिहारी के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण को उपयुक्त पाया था। 1971 में पश्चिम बंगाल सरकार के दबाव में इस योजना को छोड़ दिया गया और फरक्का में गंगा नदी पर पुल बना दिया गया था।

गंगा पर पुल बन गया तो झारखंड में बढ़ जाएगा व्यापार : साहिबगंज से मनिहारी के बीच गंगा नदी पर पुल बन गया तो झारखंड में व्यापार बढ़ जाएगा। पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। गुवाहाटी जाना आसान होगा। पूर्वोत्तर राज्यों में झारखंड के स्टोन चिप्स की मांग अधिक है। परिवहन सुगम हो जाएगा। भागलपुर जाने के लिए 70 किमी की दूरी घट जाएगी।

गंगा नदी पर प्रस्तावित पुल

लागत राशि : 2266 करोड़

लंबाई : 21.9 किमी

चौड़ाई : फोर लेन

मुख्य पुल : एक

पुलिया : 15

यह निर्माण भी : एक अंडर पास, चार बस पड़ाव, दो रेल ओवरब्रिज, एक टोल प्लाजा

उपलब्ध जमीन : साहिबगंज में छह और कटिहार की नौ मौजा की जमीन का अधिग्रहण कार्य पूरा। 

अधिग्रहण हो चुका है। राशि स्वीकृत है। प्रधानमंत्री के शिलान्यास के बाद काम जरूर शुरू हो गया होता। चेकसोमा कंपनी ने काम लिया था। उसके दिवालिया होने के कारण कार्य अटक गया। कुछ माह में दोबारा निविदा हो जाएगी। वे इसके लिए प्रयासरत हैं। एनएचएआई के अफसरों से बातचीत हुई है।                     अनंत ओझा, भाजपा विधायक, राजमहल

हमारे संगठन में कई सालों तक पुल बनाने के लिए आंदोलन किया है। साहिबगंज एवं मनिहारी में और भी लोगों ने आंदोलन किया है। प्रधानमंत्री के शिलान्यास करने के बाद भी एक ईंट नहीं जुड़ी है। जल्द पुल बनाने का काम शुरू नहीं हुआ तो साहिबगंज की जनता के सब्र का बांध टूट जाएगा।                                                        अरविंद गुप्ता, केंद्रीय संयोजक, गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति, साहिबगंज

पुल बनाने का काम चेकसोमा कंपनी को दिया गया था। यह चीनी कंपनी है। डोकलाम विवाद के कारण पुल का काम शुरू होने में विलंब हो गया। कंपनी ने फाइनांसियल इंक्लूजन के कारण कार्य नहीं किया तो टेंडर रद कर दिया है। फिर से टेंडर किया जाएगा।

सुधीर कुमार, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआई, साहिबगंज 


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