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Yogendra Sao: रंगदारी मांगने के मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव दिल्ली से लौटे

आंख का इलाज कराने योगेंद्र साव पहले भी दिल्ली जा चुके हैं। उनका वह दौरा काफी विवादित रहा था। उनकी सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मी अन्य जगह पर घूमते पाए गए थे। जांच में भी यह सही पाया गया था। इसके बाद पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:35 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:06 AM (IST)
Yogendra Sao: रंगदारी मांगने के मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव दिल्ली से लौटे
Yogendra Sao: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव।

रांची, जासं। Yogendra Sao Ex minister Jharkhand आंख का इलाज कराने दिल्ली गए पूर्व मंत्री योगेंद्र साव रविवार को राजधानी एक्सप्रेस से रांची लौट आए। ट्रेन दिन में करीब साढ़े दस बजे रांची पहुंची। इसके बाद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को उतार कर रांची रेलवे स्टेशन के वीआइपी लाउंज में ले जाया गया। कुछ देर इंतजार करने के बाद योगेंद्र साव को यहां से पुलिस अपने साथ ले गई।

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योगेंद्र साव ने रांची रेलवे स्टेशन के वीआइपी लाउंज में किया इंतजार

गौरतलब है कि आंख का इलाज कराने के लिए वे पहले भी दिल्ली जा चुके हैं। उनका वह दौरा काफी विवादित रहा था। उनकी सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मी अन्य जगह घूमते पाए गए थे। जांच में भी यह सही पाया गया था। इसके बाद पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इस बार उन्हें 15 दिनों के लिए दिल्ली जाने की अनुमति मिली थी। योगेंद्र साव को एक कंपनी से रंगदारी मांगने के मामले में कोर्ट ने ढाई साल की सजा सुनाई है। इसे अलावा कुछ अन्य मामले भी उन पर दर्ज हैं।

देश की आजादी में आदिवासियों की अहम भूमिका : रामेश्वर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह प्रदेश के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि देश की आजादी और पुनर्निर्माण में आदिवासियों की अहम भूमिका रही है। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इतिहासकारों ने यकीनन हमारे योगदान को कम आंका है और इतिहास के पन्नों में कम जगह दी है। इससे इतर जहां कहीं भी कांग्रेस की सरकार बनती है, आदिवासी हितों की रक्षा होती है। डा. उरांव पूर्व राजी दीवान स्वर्गीय बाबा भीख राम भगत की 84 वीं जन्म जयंती एवं पड़हा पूंप पत्रिका के विमोचन के अवसर पर छत्तीसगढ़ के जशपुर में उरांव पड़हा समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे। उरांव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए  थे।

डा. उरांव ने कहा कि आज जल, जंगल, जमीन आदिवासियत की पहचान अगर मौजूद है तो यह यकीनन भूमि अधिग्रहण अध्यादेश कानून, पेशा कानून, वनों का अधिकार कानून के माध्यम से ही जीवित हैं। उन्होंने कहा कि भाषा, धरती, धर्म एवं संस्कृति को बचाने के लिए पड़हा आदिवासी समाज को शिक्षित होना जरूरी है तभी हमारा विकास हो सकता है। ग्राम स्वशासन पड़हा समाज लोकतांत्रिक एवं जनतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप कार्य करता है। संताल में मांझी परगना, मुंडा में मानकी मुंडा और उरांव में पड़हा व्यवस्था आदिवासी समाज के जीवन की सामाजिक व्यवस्था है, जो पेसा कानून पर आधारित है। छत्तीसगढ़ सरकार में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी पड़हा समाज के उत्थान एवं उसके योगदान पर चर्चा की। जशपुर के विधायक विनय भगत ने अतिथियों का स्वागत किया।


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