बचपन में सामान्य रही पूजा, इंटर के बाद से ही प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुटी
बचपन में आम बच्चों की तरह पूजा भी पढ़ाई-लिखाई में सामान्य थी। यह कहना है उसके माता-पिता का।
बुंडू : बचपन में आम बच्चों की तरह पूजा भी पढ़ाई-लिखाई में सामान्य थी। यह कहना है इस बार भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में 472 वा रैंक हासिल करने वाली पूजा कुमारी के पिता एवं पेशे से प्राइमरी शिक्षक गणेश कुमार महतो एवं माता मीना कुमारी का। पूजा इंटरमीडिएट के बाद ही प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गई थी। बुंडू स्थित भास्कर सरस्वती विद्या मंदिर से मैट्रिक की परीक्षा में द्वितीय अनुमंडल टॉपर रही पूजा आइएससी राची स्थित उर्सुलाइन कावेंट से की। इसके बाद उसने स्नातक अर्थशास्त्र प्रतिष्ठा वीमेंस कालेज राची से वर्ष 2015 में पूरी की। यहां वह अपने बैच में यूनिवर्सिटी टॉपर रही। इसके बाद उसने छह माह तक दिल्ली में जाकर कोचिंग ली। फिर राची में रहकर तैयारी की। अपने पहले प्रयास में वह असफल हुई। पर, दूसरे प्रयास में सफल हुई और उसे आइड एएस कैडर मिला। वर्तमान में वह रक्षा लेखा नियंत्रण पदाधिकारी के रूप में देहरादून में पदस्थापित है। इस बार पूजा का तीसरा प्रयास था। पूजा के पिता गणेश कुमार महतो एवं माता मीना कुमारी का कहना है कि हर बच्चे में काबलियत होती है। जरूरी है बच्चों के आत्मबल को प्रोत्साहित किया जाए और अच्छा माहौल दिया जाए। पूजा की मा ने बताया कि तैयारी के दौरान पूजा दिन के बजाय रात को पढ़ती थी। उसका पढ़ाई रूटीन रात नौ बजे से तीन बजे का होता था तथा दिन को वह सुबह 10 बजे तक सोती थी। इधर, पूजा कुमारी का कहना है कि उनके लिए कितनी देर पढ़ा यह महत्वपूर्ण नही, ेबजाय क्या पढ़ा यह महत्वपूर्ण था।