झारखंड के कृमि संक्रमित बच्चों का होगा सर्वे
अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 42 फीसद बच्चे हैं संक्रमित बच्चों के शारीरिक व मानसिक ि
अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 42 फीसद बच्चे हैं संक्रमित, बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में बाधक होता है कृमि
रांची, राज्य ब्यूरो : झारखंड के कितने बच्चे कृमि (पेट के कीड़े) से संक्रमित हैं इसके लिए राज्य में सर्वे कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी तैयारी की जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के प्रभारियों को दी है। राज्य में पिछले कई वर्षो से चलाए जा रहे कृमि नियंत्रण अभियान का कितना असर पड़ा है, इस सर्वे से स्पष्ट हो सकेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के शिशु स्वास्थ्य के राज्य नोडल पदाधिकारी डा. अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि झारखंड में जो पुराने आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके तहत 42 फीसद बच्चे कृमि से प्रभावित हैं। लेकिन इसके बाद राज्य में छह माह पर कृमि नियंत्रण अभियान के तहत बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा मुफ्त खिलाई जा रही है। लक्ष्य इसे 20 फीसद से नीचे लाने का है।
उनके अनुसार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में यह अभियान चलाए जाने के बाद कृमि से संक्रमित बच्चों की संख्या 70 फीसद से घटकर 12-13 फीसद हो गई है। डा. मिश्रा के अनुसार, कृमि संक्रमण की सही स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए बच्चों का सैंपल सर्वे कराने की तैयारी है। हाल ही में नई दिल्ली में हुई बैठक में इस बाबत जानकारी भी दी गई। इस सर्वे के तहत बच्चों के स्टूल की जांच कराई जाएगी।
बता दें कि पेट में पाए जानेवाले कृमि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को प्रभावित करता है। झारखंड जैसे राज्य में यह संक्रमण और अधिक घातक होता है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण और एनीमिया से ग्रसित हैं।
17 को अभियान का मॉपअप राउंड :
10 फरवरी को आयोजित कृमि नियंत्रण दिवस के अवसर पर 12 जिलों में लक्षित 72 लाख बच्चों में से लगभग 88 फीसद बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। छूटे हुए बच्चों को मॉप अप राउंड के तहत 17 फरवरी को यह दवा खिलाई जाएगी।