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महिलाएं बोलीं, चार सप्ताह क्या चार साल तक बैठने को तैयार

एनआरसी सीएए एनपीआर के विरोध को लेकर बुधवार को तीसरे दिन भी हज हाउस में महिलाओं का प्रदर्शन जारी रहा...

By Edited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 01:37 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 02:42 AM (IST)
महिलाएं बोलीं, चार सप्ताह क्या चार साल तक बैठने को तैयार

रांची, जासं : एनआरसी, सीएए, एनपीआर के विरोध को लेकर बुधवार को तीसरे दिन भी हज हाउस में महिलाओं का प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने कहा हम इस काले कानून का विरोध करते हैं और करते रहेंगे, क्योंकि यह काला कानून देश हित में नहीं है। वार्ड 22 की पार्षद नाजिया सलाम ने कहा कि 4 हफ्ता क्या हम 4 साल बैठने को तैयार हैं। हम हमारे हक में फैसला आने तक यहीं बैठी रहेंगी।

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बीते तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहीं यास्मीन लाल कहती हैं कि यह कैसा मजाक है कि जिस वोटर कार्ड से हम सरकार चुनते हैं उसी वोटर कार्ड को एक चुनी हुई सरकार मानने से इन्कार कर रही है।

गजाला तसनीम ने कहा कि आज पूरा देश एनआरसी व सीसीए के खिलाफ है। हम इसे काला कानून समझते हैं। पढ़े लिखे लोग तो कागज दिखा देंगे, लेकिन हमारे गरीब, मजदूर भाई, किसान भाई कहा से कागज दिखा पाएंगे। केंद्र सरकार एनआरसी लाकर देश को बांटना चाहती हैं। 

सीमा परवेज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में कोई फैसला सुनाने की बात कही है। हमें यकीन है कि वे हमारे हक में ही फैसला सुनाएगी।

जुटे हैं 50 से ज्यादा वालंटियर

बता दें कि कडरू, हिंदपीढ़ी, डोरंडा के 50 से ज्यादा वालंटियर ट्रैफिक व्यवस्था में लगे हुए हैं। इनको यह जिम्मेदारी दी गई है कि ट्रैफिक व्यवस्था में किसी भी तरह की बाधा न पहुंचे। वहां आने-जाने वाली किसी भी गाड़ी को सड़क जाम का सामना करना ना पड़े।


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