इनके हौसले से हम जीतेंगे कोरोना से जंग
कोरोना वायरस से मानवता की जंग जारी है।
जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना वायरस से मानवता की जंग जारी है। संकट के समय अपनी सुरक्षा की चिंता छोड़ लोगों को बीमारी से बचाने व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने कर्मक्षेत्र में हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग बहादुरी से अपना काम कर रहे हैं। इस दौरान वह अपनी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रख रहे। चिकित्सा क्षेत्र के साथ-साथ साफ-सफाई, दूध व समाचार पत्र पहुंचाने के काम में लगे हजारों लोग इस हालात में असली नायक बनकर उभरे हैं।
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हर दिन जुटा रहे सैंपल, ताकि सुरक्षित रहें हम
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार शर्मा अपनी टीम के साथ हर दिन कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल जुटा रहे हैं। इसे जांच के लिए अलग-अलग प्रयोगशालाओं मे भेज रहे हैं। फिलहाल संदिग्धों की बढ़ती संख्या के कारण डॉ. शर्मा का काम भी बढ़ा हुआ है। सुरक्षा का ख्याल रखते हुए उनकी टीम हर दिन यह कार्य कर रही है। इसका लक्ष्य शहर को बीमारी से बचाना है।
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हमारी गलियां रहें स्वच्छ, भविष्य रहे सुरक्षित
रांची के कोकर स्थित वार्ड नंबर दस को साफ व स्वच्छ रखने में राजदीप मिर्धा, रोहित मुंडा, विगल उरांव, रामधारी लोहरा लगे हुए हैं। बीमारी को लेकर एक तरफ जहां पूरा शहर दहशत में हैं। वहीं दूसरी तरफ यह सब साथ मिलकर गलियों में साफ-सफाई अभियान चला रहे हैं। इन दिनों कचरा पहले से कुछ ज्यादा निकल रहा है। काम ज्यादा हो गया है लेकिन यह काम से भागने की बजाए इसको पूरा करने में जुटे हुए हैं।
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बच्चे भूखे नहीं रह जाएं, इन लिए खुली रख रहे दुकान
आपात स्थिति में लोगों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी कई बहादुर लोगों की टीम लगी हुई है। हमारे बच्चे भूखे नहीं रह जाएं इसके लिए दूध की दुकानें खुल रही हैं। चेक पोस्ट स्थित मिल्क बूथ के संचालक राजू राय हर दिन सुबह व शाम के समय दुकान खोलकर आसपास के लोगों को दूध उपलब्ध करा रहे हैं। इस दौरान वह लगातार लोगों के संपर्क में आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी सुरक्षा का भी इंतजाम किया है।
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18-18 घंटे सड़कों पर दौड़ रही एंबुलेंस
रिम्स में एंबुलेंस सेवा के इंचार्ज इंद्रजीत सरकार इस दिनों 18-18 घंटे सड़कों पर वाहन लेकर दौड़ रहे हैं। वह पिछले 32 वर्षाें से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीमारी की खबर फैलते ही परिवार और कई शुभचिंतकों ने चिंता जताई। कहा कि ऐसे वक्त में छुट्टी ले लेना ज्यादा उपयुक्त है। इन सलाह को दरकिनार कर सरकार ने अपने लिए कर्मक्षेत्र को चुना। वह हर दिन तमाम मरीजों को अस्पताल से घर और घर से अस्पताल पहुंचा रहे हैं।