Move to Jagran APP

कहीं पैसा तो कहीं पराक्रम तय करता है मतदाताओं का मूड

राज्य की बड़ी आबादी खासकर ग्रामीण आबादी को आज भी राजनीति से बहुत ही दूर नहीं है। सभी ने इस पर अपनी-अपनी बात रखी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 05:56 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:32 AM (IST)
कहीं पैसा तो कहीं पराक्रम तय करता है मतदाताओं का मूड

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य की बड़ी आबादी, खासकर ग्रामीण आबादी को आज भी राजनीति से बहुत कुछ लेना-देना नहीं है। रोजाना दो जून की रोटी का जुगाड़ हो जाए, उनके लिए यही बड़ी उपलब्धि है। हां, उनके बीच का एक तबका ऐसा जरूर है, जो पूरे गांव की राजनीतिक गतिविधियों के अपने हिसाब संचालित करता है। खासकर चुनाव के समय उनकी गतिविधियां कुछ खास ही बढ़ जाती है। निष्पक्ष चुनाव को लेकर आयोग चाहे कितनी भी पैनी नजर रखे, यहां उसका भी जोर नहीं चलता। विवेक से शत फीसद मतदान की बात यहां बेमानी है। यह तबका ग्रामीणों के समूह को जिधर मोड़ना चाहे, मोड़ ले। सब अर्थतंत्र का खेल है। कैंब्रिज इंस्टीट्यूट से एमबीए की पढ़ाई कर रहे शुभम की यह बेबाक टिप्पणी है। वह कहते हैं कई टुकड़ों में बंटा यह तबका चुनाव के समय अपने प्रभाव और धन-बल से ग्रामीणों के मत को खरीदना खूब जानते हैं। ग्रामीणों को भी उनके बिकने का एहसास होता है, परंतु जहां सवाल रोटियों का हो, सारी बातें निर्मूल साबित हो जाती हैं। रांची से मुरी तक के मेरे सफर का यह पहला पड़ाव था, शुभम टाटीसिल्वे चौक पर अपनी बाइक की मरम्मत करा रहे थे।

loksabha election banner

हम आगे बढ़ते हैं, अभी तकरीबन 50 किलोमीटर की दूरी और तय करनी है, फिर इसी रास्ते वापस आना है। बुद्धदेव ने गाड़ी की स्टीयरिग संभाल रखी है। जिरकी में सड़क से सटी खेत में पांच-छह युवा ताश की पत्तियां फेट रहे हैं। पूछने पर एक मुखर होता है, खुद को अभी तिरू बताने वाले युवक ने महज आठवीं तक की पढ़ाई की है। चुनाव उसके भी लिए पर्व है, परंतु यहां बात शुचिता की नहीं है। चुनाव के वक्त सुस्वादु भोजन और दो-चार हजार रुपये की कमाई से वह खुश है। वह न तो अपने सांसद का नाम जानता है और न ही किस दल से कौन चुनाव लड़ रहा है, उसे पता है।

लगभग दो किलोमीटर और आगे जाने पर काशीडीह बस्ती है, यहां हमारी मुलाकात सुशांतो से होती है। आसपास के गांव में लगने वाले हाट में वे फेरी का काम करते हैं। चुनाव के प्रति वे जागरूक जरूर हैं, परंतु इस पूरी प्रक्रिया को वे बहुत ही हल्के में लेते हैं। कहते हैं, वोट तो हर बार देता हूं, परंतु किसे वोट देना है, वह मतदान की पूर्व संध्या पर मुखिया निर्भर करेगा। सीताडीह इसी मार्ग पर मौजूद है। खादी ग्राम के रूप में इसकी पहचान है। यहां थोड़ी चहल-पहल है। चौक पर कुछ राजनीतिक दलों का झंडा-बैनर लगा है। बगल में ठेले पर चाय की दुकान लगी है। कुछ लोग खड़े हैं। बातचीत के लहजे से स्पष्ट है कि वे राजनीतिक कार्यकर्ता है। यहां जीत-हार का गणित बिठाया जा रहा है।

कुछ ही देर में हम कुलसूद पहुंचते हैं। यहां अनगड़ा प्रखंड की सीमा समाप्त और सिल्ली की शुरू होती है। इसी पथ पर सिपाही लाइन होटल है। हम थोड़ी देर के लिए यहां ठहरते हैं। यहां चियांकी महतो अपने कुछ मित्रों के साथ चाय की चुस्की लेते मिलते हैं। उनकी सोच राह में मिले लोगों से अलग है। वह कहते हैं, लोकतंत्र में एक-एक वोट का महत्व है। यह सही है कि राजनीति का स्वरूप आज बदल गया है। समाज सेवा वाली बात अब नहीं रही। चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े खेल होते हैं। जनता की गाढ़ी कमाई लुटाई जाती है और हम मूकदर्शक बने रहते हैं। जबतक गरीबी और निरक्षरता के चंगुल से देश मुक्त नहीं होगा, लोकतंत्र अपने मूल उद्देश्यों से छिटका नजर आएगा। मुरी में रेड मड हादसा सुर्खियों में है

मुरी रेड मड हादसा बहरहाल सुर्खियों में है, हमें वहां तक जाना है। गाड़ी अपने रफ्तार पर है। लगभग आधे घंटे की यात्रा के बाद हम कोकोराना पहुंचते हैं। यहां बगल में ही स्वर्णरेखा नदी बहती है। झारखंड और पश्चिम बंगाल का यह बॉर्डर है। पश्चिम बंगाल सरकार ने नदी पर हाल ही पुल का निर्माण कराया है, जिसका उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ है। यहां हमें अखिलेश महतो मिलते हैं। उन्होंने हिडाल्को में कई वर्षो तक अपनी सेवा दी है। कहते हैं, रांची लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गणित इस बार कुछ उल्टा-पुल्टा चल रहा है। पुराने चेहरे बदल गए हैं, नए लोग मैदान में हैं। अब कैडर वोट जीत का आधार बनेगा या जातीय समीकरण, थोड़ा इंतजार करना होगा। हम यहां से वापस रांची की ओर लौट पड़ते हैं।

---


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.