जानिए आज क्यों लटके रहे झारखंड के हजारों पेट्रोल पंप पर ताले
राज्य में पेट्रोल पंप सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक बंद रहे।
रांची, जेएनएन। आज दिन भर झारखंड के सारे पेट्रोल पंप बंद रहे। इस दौरान आम लोग पेट्रोल-डीजल के लिए बगलें झांकता रहा। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि राज्य सरकार से पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन वैट में कमी की मांग कर रहा है। अपनी मांग के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए सुबह छह से शाम छह बजे तक पेट्रोल पंपों की हड़ताल रखा गया।बंद राज्य में वैट दर घटाने को लेकर बुलाई गई थी। बंद शत प्रतिशत सफल रहा। बंद से 53.18 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ और सरकार को 10.10 करोड़ राजस्व की क्षति हुई।
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि बीते तीन साल में राज्य सरकार ने पेट्रोल में 6 रुपये 23 पैसे और डीजल में सात रुपये दो पैसे वैट की दर में वृद्धि की है। ऐसे में पड़ोसी राज्यों में डीजल की दरें कम होने से राज्य में डीजल का उठाव कम हुआ है, जिससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। वैट कम करने से सरकार का राजस्व कम नहीं होगा बल्कि बढ़ेगा।
पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने की मांग को लेकर राज्य भर के करीब 1200 पेट्रोल पंप सुबह से ही बंद रहे। इस दौरान बीपीसीएल, रिलांयस और ईएसएसआर के कुछ पेट्रोल पंप खुले रहे। ये पेट्रोल पंप डीलर के बजाय कंपनी के नियंत्रण में हैं। दक्षिणी छोटानागपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सदस्य नीरज भट्टाचार्य ने बताया कि सोमवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक राज्य के 95 फीसद पेट्रोल पंप बंद रहे।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम डीलर्स ने वैट कम करने की मांग राज्य सरकार से की थी लेकिन इन मांगों पर अब तक कोई कार्रवाई सरकार के स्तर से नहीं की गई है। डीजल प बंगाल से तीन रुपये और उत्तर प्रदेश से पांच रुपये महंगा बेचा जा रहा है।
एसोसिएशन का कहना है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की तुलना में यहां डीजल पर 60 फीसद और पेट्रोल पर 43 फीसद वैट की वसूली की जा रही है।यूपी और पश्चिम बंगाल की तुलना में झारखंड में वैट दर ज्यादा होने के कारण एनएच पर चलने वाली गाड़ियां झारखंड में डीजल-पेट्रोल नहीं भरवातीं, इससे झारखंड के करीब 500 पेट्रोल पम्प बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।