Move to Jagran APP

Jharbhoomi: झारभूमि में देखिए जमीन का मालिक कौन, फिर कीजिए खरीदारी, जानिए इसकी विशेषताएं

Jharbhoomi.nic.in झारखंड सरकार ने झारभूमि पोर्टल पर जिलों की भूमि का ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। यहां आप सर्च कर किसी भी जमीन का खेसरा व खाता नंबर देख सकते हैं। जमीन मालिक के बारे में पता कर सकते हैं। यह पोर्टल जमीन संबंधित विवाद से बचाने में मददगार है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 02:43 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 02:45 PM (IST)
Jharbhoomi: झारभूमि में देखिए जमीन का मालिक कौन, फिर कीजिए खरीदारी, जानिए इसकी विशेषताएं
Jharbhoomi.nic.in: झारभूमि पोर्टल पर आप झारखंड के सभी जिलों की जमीन की स्थिति देख सकते हैं।

रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड सरकार ने National Land Records Modernization Program राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण प्रोग्राम के तहत राज्य के सभी जिलों की जमीन संबंधित दस्तावेज को डिजिटल प्रारूप में आनलाइन कर दिया है। कोई भी व्यक्ति अगर किसी जमीन की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो सीधे गूगल में Jharbhoomi.nic.in टाइप कर साइट पर पहुंच सकता है। यहां कुछ प्रक्रिया पूरी कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। यह जानकारी जिस प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जा रही है उसी का नाम है- झारभूमि। इसका संचालन झारखंड राजस्व विभाग करता है। इस प्लेटफार्म ने जमीन संबंधित दस्तावेज को खोजना बेहद आसान बना दिया है।

loksabha election banner

अगर आप झारखंड में कोई जमीन खरीद रहे हैं तो सबसे पहले झारभूमि पोर्टल पर जाकर उसके बारे में जानकारी स्वत: प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप किसी भी तरह के फर्जीवाड़ा से बच सकते हैं। इतना ही नहीं अगर आप अपनी जमीन का टैक्स भुगतान करना चाहते हैं तो इसके माध्यम से कर सकते हैं। इसकी प्रक्रिया बेदह सरल है। यानी सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि आपको कार्यालय का चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के पास दौड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है।

भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के लिए सरकार ने की है यह पहल

भारत में भूमि अभिलेख सदियों से विकसित हुए हैं। भू-राजस्व भारतीय शासकों और फिर अंग्रेजों के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत था। भूमि अभिलेखों की तैयारी और रखरखाव का वर्तमान स्वरूप मुगल काल के दौरान उत्पन्न हुआ।एक आम आदमी के लिए अपने अधिकारों के रिकॉर्ड को समझना बहुत मुश्किल है। भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी भारत में भूमि अभिलेखों से जुड़े अन्य मुद्दे हैं। भारत सरकार ने इन समस्याओं को महसूस किया और चरणबद्ध तरीके से भारत में सभी भूमि अभिलेखों को मानकीकृत और कम्प्यूटरीकृत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) शुरू किया। एनएलआरएमपी के तहत सभी भूमि अभिलेखों और संबंधित सेवाओं को आनलाइन किया जा रहा है। कुछ राज्यों ने पहले ही अपने भूमि रिकॉर्ड का कम्प्यूटरीकरण कर दिया है जबकि कुछ प्रक्रिया में हैं।

क्या है राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम

राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) अगस्त 2008 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भूमि अभिलेखों के प्रबंधन को आधुनिक बनाना, भूमि/संपत्ति विवादों के दायरे को कम करना, भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ाना और अंततः गारंटी की ओर बढ़ने की सुविधा प्रदान करना है। देश में अचल संपत्तियों के लिए निर्णायक शीर्षक। कार्यक्रम के प्रमुख घटक सभी भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण, म्यूटेशन, मानचित्रों का डिजिटलीकरण और पाठ्य और स्थानिक डेटा का एकीकरण, सर्वेक्षण / पुन: सर्वेक्षण और सभी सर्वेक्षण और निपटान रिकॉर्ड का अद्यतन, जहां आवश्यक हो, मूल भूकर अभिलेखों के निर्माण सहित, का कम्प्यूटरीकरण है। भूमि रिकॉर्ड रखरखाव प्रणाली के साथ पंजीकरण और इसका एकीकरण, कोर भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का विकास और क्षमता निर्माण।

राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के उद्देश्य

एनएलआरएमपी का मुख्य उद्देश्य देश में एक आधुनिक, व्यापक और पारदर्शी भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली विकसित करना है, जिसका उद्देश्य भूमि-स्वामित्व प्रणाली को लागू करना है। यह भूमि अभिलेखों को संभालने के लिए एक एकल विंडो सिस्टम है।

झारखंड भूमि अभिलेख प्रणाली के बारे में

झारखंड के राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने झारखंड में भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को डिजिटल बनाने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से एमआईएस पोर्टल jharbhoomi.nic.in विकसित किया है। इस वेबसाइट के प्रमुख उद्देश्यों में से एक नागरिक को झारखंड भूमि रिकॉर्ड (खेसरा, खाता) विवरण ऑनलाइन प्रदान करना है। इसकी मदद से आपको बैंक से कृषि ऋण/ऋण प्राप्त करने में आसानी होती है। बैंक खाता खोलने में यह मददगार है। भूमि की बिक्री और संपत्ति के पंजीकरण के दौरान भूमि के स्वामित्व का सत्यापन करने में आसानी है। भूमि के बंटवारे के लिए यह उपयोगी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.