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झारखंड में नल से जलापूर्ति में लगेगा वक्त, फिलहाल हैंडपंप से काम चलाएगी सरकार

Jharkhand. वर्ष 2013 में बंद किया गया था नए हैंडपंप लगाने का कार्य। अगले वित्तीय वर्ष के बजट में विधायकों की अनुशंसा पर लगाए जाएंगे हैंडपंप।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 12:47 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 12:47 PM (IST)
झारखंड में नल से जलापूर्ति में लगेगा वक्त, फिलहाल हैंडपंप से काम चलाएगी सरकार
झारखंड में नल से जलापूर्ति में लगेगा वक्त, फिलहाल हैंडपंप से काम चलाएगी सरकार

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में पेयजल आपूर्ति को लेकर साधा गया लक्ष्य अभी दूर की कौड़ी दिखाई देता है। राज्य सरकार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से इसे स्वीकार लिया है। यही वजह है कि एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति के लिए हैंडपंप का सहारा लिया जा रहा है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में हैंडपंप या कुओं के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। विधायकों की अनुशंसा पर प्रत्येक पंचायत में पांच हैंडपंप या कुएं का निर्माण आवश्यकता को देखते हुए किया जाएगा।

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राज्य में हैंडपंप की अधिकता को देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में नए हैंडपंप लगाए जाने पर रोक लगा दी थी। सिर्फ हैंडपंपों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा था। तर्क दिया गया था कि जरूरत से ज्यादा हैंडपंप होने के कारण भू-गर्भ जल का अधिदोहन हो रहा है और इससे भू-गर्भ जल भी दूषित होता जा रहा है। निर्णय लिया गया था कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप लाइन से जलापूर्ति की योजनाओं पर ही काम किया जाएगा।

लेकिन, पिछले सात वर्षों में पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य कितना साधा गया इसका आंकड़ा हाल ही में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने जारी किया है। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महज 3.50 लाख घरों में ही पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है। 50.28 लाख घरों के सापेक्ष इस आंकड़े को देखें, तो यह करीब सात फीसद ही होता है। जाहिर है 93 फीसद ग्रामीण आबादी अभी भी पानी के लिए हैंडपंप, कुओं, नदी-नालों व अन्य प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर है।

हालांकि, जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के इतर राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राज्य की 34 फीसद आबादी को पाइप जलापूर्ति से आच्छादित किया जा चुका है। तर्क दिया जा रहा है कि 34 फीसद आबादी तक पाइपलाइन से पानी पहुंच चुका है, लेकिन घरों में कनेक्शन नहीं दिया गया है। बता दें कि पूरे राज्य में 4.04 लाख हैंडपंप हैं, जो आबादी के लिहाज से राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक हैं। इन्हीं हैंडपंप के सहारे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति भी हो रही है।

2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से कनेक्शन

जल शक्ति मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड सरकार ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को नल जल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तय किया गया है कि एक नल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा।


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