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जल संसाधन विभाग का दावा, साढ़े चार वर्ष में बढ़ी 21 फीसद सिंचाई क्षमता

जल संसाधन विभाग ने दावा किया कि पिछले साढ़े चार सालों में राज्य में 21

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 03:32 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 06:37 AM (IST)
जल संसाधन विभाग का दावा, साढ़े चार वर्ष में बढ़ी 21 फीसद सिंचाई क्षमता

राज्य ब्यूरो, रांची

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जल संसाधन विभाग ने दावा किया कि पिछले साढ़े चार सालों में राज्य में 21 फीसद सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है। बुधवार को सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में सिंचाई क्षमता 16 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी हो गई है। विगत साढ़े चार साल में कई लघु एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं को मुकाम मिला है। जबकि कई पूरी होने की कगार में हैं। मंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि 26 लघु एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं को केंद्रीय वाटर कमीशन (सीडब्लूसी) ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही डीपीआर तैयार किया जाएगा।

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हर खेत तक पानी पहुंचाना रघुवर सरकार का लक्ष्य :

मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि रघुवर दास सरकार हर खेत तक पानी पहुंचान को लेकर कृत संकल्पित है। राज्य में कुल 27.3 लाख हेक्टयर कृषि योग्य भूमि है। जिसमें 10 लाख हेक्टयर भूमि में सिंचाई क्षमता विकसित किया जा चुका है। राष्ट्रीय औसत 69 प्रतिशत के सापेक्ष झारखंड ने 37 प्रतिशत सिंचाई क्षमता का सृजन किया है। राज्य में सुखाड़ की समस्या को स्वीकारा। कहा, सरकार यह प्रयास कर रही है कि कैसे बारिश के पानी का संरक्षण किया जाए ताकि खेतों एवं घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जा सके। सरकार ने कई वीयर को बाधने की योजना शुरू किया है। खेतों में पानी पहुंचाने के लिए डोभा एवं तालाब का जीर्णोद्धार शुरू किया जा रहा है। कहा कि सरकार ग्राउंड वाटर के अत्याधिक दोहन को लेकर काफी गंभीर है। इसके लिए इंटर डिपार्टमेंट वर्क शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में 46 जलाशय हैं जिसमें 8 को छोड़कर सभी में अभी प्रर्याप्त पानी हैं।

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पुनासी समेत अन्य योजनाओं पर तेजी से हो रहा काम :

मंत्री ने विश्वास जताया कि पुनासी सिंचाई योजना अगले छह माह में शुरू हो जाएगी। इसके अलावा इंटर स्टेट बड़ी सिंचाई योजनाओं पर केंद्र स्तर पर बातचीत हो रही है। उत्तरी कोयल परियोजना के संयुक्त अव्ययों का शेष कार्य जल संसाधन मंत्रालय द्वारा पूरा कराए जाने पर सहमति बन चुकी है। कांची सिंचाई योजना की नहर प्रणाली की कमियों को दूर करते हुए इसके विकास के लिए 93.67 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।

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रांची में पानी की मांग से संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं मिला :

अभियंता प्रमुख राजेश तिग्गा एवं मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि राची के दो डैम पूरी तरह से पेयजल विभाग के अधीन हैं। जबकि गेतलसूद डैम का केवल रखरखाव जलसंसाधन विभाग, ऊर्जा एवं पेयजल विभाग की राशि से करता है। राची को आगामी 50 वषरें में कितना पानी चाहिए और कितने डैम चाहिए इस संबंध में कोई प्रस्ताव नगर विकास विभाग द्वारा जल संसाधन को नहीं भेजा गया है। राजेश तिग्गा ने स्पष्ट कहा कि राची ही नहीं कहीं भी डैम बनाने का कार्य जमीन एवं विस्थापन समस्या के कारण बहुत ही मुश्किल है। वर्तमान में तीनों डैम से आगामी 20 वर्ष तक सप्लाई के अनुरूप पानी उपलब्ध है। लापुंग के लतरातू डैम एवं बुंडू बन रहे जलाशय रायसा से पानी लिया जा सकता है।

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