सर्द रात में गर्मजोशी से 2021 का स्वागत
साल 2020 के अंतिम दिन सर्द मौसम के बीच उल्लास कुछ ऐसा रहा कि रात नौ बजते-बजते उत्सव शुरू हो गया।
जासं, रांची : साल 2020 के अंतिम दिन सर्द मौसम के बीच उल्लास कुछ ऐसा रहा कि रात नौ बजते-बजते शहर के सारे रेस्टोरेंट, बार और लाउंज फुल दिखे। शहर के सारे होटलों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाता दिखा। शहर के सारे रेस्टोरेंट, बार और लाउंज को नए वर्ष के स्वागत के लिए बेहतर खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। वहीं कई बड़े होटलों में टेबल के पास डांस और डाइन की व्यवस्था की गयी थी। हालांकि शहर में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर में अपने परिवार के साथ ही नए साल का स्वागत करते दिखे। गली मुहल्लों में दिखा उत्साह : कोरोना संक्रमण के कारण नये साल के बड़े जश्न की जगह लोग छोटे-छोटे उत्सव मनाते हुए दिखे। इसे लेकर गली-मुहल्लों के लोगों ने आपस में गैदरिग करके खाने पीने का इंतजाम किया। इस तरह की सोसाइटी पार्टी का एक फायदा हुआ कि इसमें जाने पहचाने लोग ही शामिल हुए। इससे लोगों ने अपने परिवार के साथ सुरक्षित माहौल में मौज मस्ती की। जगह-जगह डीजे का इंतजाम किया गया था। रात के वक्त गीत, संगीत के साथ-साथ खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी। बीएनआर में गजल के साथ हुआ नए साल का स्वागत
बीएनआर चाणक्या में शाम 7 बजे से गजल कार्यक्रम की शुरूआत की गई। यहां जिला प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रात 11 बजे तक होटल में प्रवेश मिला। गजल गायन ने लोगों को बांधकर रखा। वहीं 12 बजते ही नये वर्ष का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सोशल मीडिया पर चलता रहा बधाइयों का दौर : सोशल मीडिया पर दिनभर बधाइयों का दौर चलता रहा। लोग फेसबुक और वाट्सएप पर एक-दूसरे को लगातार बधाई देते रहे। वहीं कई लोग पिछले वर्ष की गई अपनी गलतियों की माफी भी मांगते दिखे। रात 12 बजते ही एक दूसरे को फोन करने की होड़ सी लग गई। इससे करीब 15 मिनटों के लिए मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से जाम हो गया। हालांकि इसके बाद नेटवर्क सामान्य रहा। वीडियो काल बना सहारा
आमतौर पर नये वर्ष पर कई लोग दूसरे शहरों से अपने घर आते थे। मगर संक्रमण के कारण कई लोग अपने दोस्त और रिश्तेदार के घर नहीं जा सके। ऐसे में वीडियो कालिग उनका सहारा बना। लोग एक दूसरे को वाट्सएप, फेसबुक, गूगल मीट आदि के सहारे फोन करते दिखे। वहीं तरह-तरह के शुभकामना संदेश भी एक दूसरे को भेजते रहे। कोई नए साल को उम्मीदों भरा तो कोई पुराने वर्ष को यादों भरा बता रहे थे।