Vidya Bharti: विद्या भारती के तीन दिवसीय सभा का सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने किया शुभारंभ, 2025 तक पूरे देश में विद्यालय शुरु करने का लक्ष्य
Vidya Bharti डा. गोपाल ने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों का कालखंड बच्चों के लिए संकटपूर्ण रहा। बच्चों का विकास एक निश्चित आयु में होता है परंतु कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से उनका मानसिक विकास रूक गया।
रांची, जासं। जो समाज परिस्थिति व समय के अनुसार अपने को नहीं बदलता है वह दुनिया में आगे नहीं बढ पाता है। समय की मांग के अनुसार जो अपने को बदलने में सफल रहा वहीं समाज आज आगे बढ रहा है। विद्या भारती के स्कूलों को भी अपने आदर्श व मूल भाव को बनाए रखते हुए समय के अनुसार बदलने का प्रयास करना चाहिए। अपने विद्यालयों की स्थिति बदलनी होगी। पढाई के पुराने पैटर्न को बदलते हुए नई तकनीक लानी होगी। रांची के आदित्य प्रकाश जालान बीएड कालेज परिसर में शुक्रवार को विद्या भारती की तीन दिवसीय अखिल भारतीय साधारण सभा की बैठक के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान देना होगा की कोरोना के कारण जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई वैसे किसी भी परिवार के बच्चों की शिक्षा बाधित न हों। जो शुल्क देने में सक्षम न हों उनकी भी चिंता करेंगे।
बंद स्कूलों को फिर से प्रारंभ करना होगा
सह सरकार्यवाह ने अपने संबोधन म़ें मुख्य रूप से तीन विषयों पर ध्यान देने को कहा। पहला कोरोना संक्रमण के कारण जो स्कूल बंद हो गए हैं उसे फिर से चालू किया जाए। दूसरा जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो गई है उसे बढाया जाए और तीसरा आचार्यों का वेतन कम न हो इसका भी ध्यान रखा जाए। उनके परिवार की भी चिंता करनी होगी। कोरोना के कारण पूरे देश में विद्या भारती के लगभग एक हजार औपचारिक विद्यालय बंद हो गए हैं।
दो वर्ष का कालखंड बच्चों के लिए संकटपूर्ण रहा
डा. गोपाल ने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों का कालखंड बच्चों के लिए संकटपूर्ण रहा। बच्चों का विकास एक निश्चित आयु में होता है परंतु कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से उनका मानसिक विकास रूक गया। सामाजिकता चली गई। अब हमलोगों को उन दो वर्षों की भरपाई करनी होगी। इसके लिए जो भी कार्यक्रम आयोजित करना हो कीजिए। उन्होंने अवकाश प्राप्त शिक्षकों को भी अपने से जोङकर उनके अनुभव का लाभ लेने की अपील की। साथ ही कहा कि हमसभी मिलकर ऐसा प्रयास करें कि वह विश्व के सामने एक अनुठा उदाहरण बने।
संघ के शताब्दी वर्ष तक पूरे देश में अपना विस्तार हो
उन्होंने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष यानी 2025 तक पूरे देश में अपना विद्यालय होना चाहिए। उसी के अनुसार योजना बनानी होगी। विद्यालयों की स्थिति भी बदलनी होगी। एक समय था कि बच्चे पेड़ के नीचे तो स्कूलों में टाट बिछा कर पढते थे। पर अब ऐसा नहीं है। इसलिए अपने में बदलाव लाना है।
अखिल भारतीय महामंत्री ने वार्षिक प्रतिवेदन रखा
उदघाटन सत्र के दौरान विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री ने वार्षिक प्रतिवेदन रखा। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्ष शिक्षा के क्षेत्र के लिए अत्यंत कठिन रहे हैं। अभिभावकों का मन अभी भी शिशुवाटिका और छोटी कक्षाओं में बच्चों को भेजने का नहीं बन पा रहा है। जिसके कारण बच्चों का विकास भी अवरुद्ध हुआ है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सेवा क्षेत्र के कार्य में भी कठिनाईयां आई है। इसलिए विद्यालयों की स़ंचालन समितियों को समाज से धन संग्रह करने हेतु प्रेरित करना होगा ताकि अर्थाभाव के कारण कार्य में आ रही कठिनाइयां दूर हो सके। मौके पर विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा राव व पूरे देश से आए प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महाराष्ट्र की मधुश्री साव ने की।