विश्व हिंदू परिषद बोली, भगवान राम पर अपनी नीति स्पष्ट करे कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी
Political Update विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी ने यह दिखाने का काम किया है कि पार्टी में रहना है तो हिंदुत्व छोड़ना होगा। पार्टी में रहते हुए राम की बात की तो पार्टी विरोधी माने जाएंगे।
रांची, [संजय कुमार]। श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान को लेकर कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के बयान व मंदिर निर्माण के लिए इस पार्टी से धन देने वाले नेताओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उस पर विश्व हिंदू परिषद ( विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि भगवान राम, रामत्व और राम राज्य के बारे में इन दोनों पार्टियों को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। इन दोनों पार्टियों ने यह दिखाने का काम किया है कि पार्टी में रहना है तो हिंदुत्व छोड़ना होगा।
पार्टी में रहते हुए राम की बात की तो पार्टी विरोधी माने जाएंगे। इधर, दोनों पार्टियों के कुछ लोग राम मंदिर निर्माण के लिए राशि दे भी रहे हैं, परंतु डर भी रहे हैं कि कहीं पार्टी कार्रवाई नहीं कर दे। राम की बात कर दी तो जैसे बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो। कहा कि निधि समर्पण अभियान पूरी तरह पारदर्शी है। इसमें घोटाले की बात वही लोग कर रहे हैं जिनकी घोटाले की प्रवृत्ति है। 1989 में रामशिला पूजन के दौरान रामजन्मभूमि न्यास द्वारा की गई जमा राशि का प्रत्येक वर्ष ऑडिट होता है।
कहा कि उसके बाद केंद्र में तीन बार कांग्रेस की सरकारें व दो तीन बार समर्थित सरकारें रहीं। आयकर विभाग को कुछ मिलता तो न्यास अभी तक नहीं रहता। जिस कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनने देने के लिए जमीन से लेकर न्यायालय तक की लड़ाइई लड़ी उसे अब अपनी ओछी राजनीति से बाज आना चाहिए नहीं तो और बदतर स्थिति हो जाएगी।
निधि समर्पण अभियान में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही
विनोद बंसल ने कहा कि निधि समर्पण अभियान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से चलाया जा रहा है। यह विहिप, आरएसएस या भाजपा का अभियान नहीं है। ये सभी संगठन केवल सहयोग कर रहे हैं। निधि संग्रह में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। 10 लाख से अधिक टोलियां बनाई गई है। इसमें 40 लाख से अधिक रामभक्त लगे हैं। सभी राशि ट्रस्ट के खाते में जमा की जा रही है। अभियान में लगे लोग समर्पित भाव से लगे हैं। इसके लिए उनको कोई व्यय भत्ता नहीं मिलता है। सभी राशि का ऑडिट कराने के बाद ट्रस्ट को पूरा ब्योरा सौंप दिया जाएगा। इसलिए कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने जिस तरह का बयान दिया है, वह निंदनीय है।